100 दिनों के बाद खुला सांची स्तूप, ऑनलाइन मिलेगा टिकट

7/6/2020 7:04:47 PM

रायसेन (नसीम अली): कोरोना का असर सभी सेक्टरों पर पड़ा है। वहीं टूरिज्म सेक्टर भी इससे अछूता नहीं है। कोरोना के कारण बेपटरी हुआ मध्यप्रदेश का टूरिज्म सेक्टर अब धीरे-धीरे फिर से पटरी पर आने को तैयार है। तीन महीनों के बाद देश भर के स्मारकों को नियमों के साथ पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है।

नियमों के साथ खुला सांची स्तूप

सांची स्तूप में अब केवल ई-टिकट से ही प्रवेश मिलेगा। वहीं आने वाले लोगों की एंट्री गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग भी जा रही है। साथ ही हाथों को सैनिटाइज भी करवाया जा रहा है। स्तूप परिसर के अंदर मास्क पहनना अनिवार्य है। इसके अलावा स्टाफ, गाइड और पर्यटकों को सोशल डिस्टेंस का भी खासा ध्यान रखना है। स्तूप के एंट्री गेट पर टिकट लेने की जगह सभी पर्यटकों की डिटेल भी नोट की जा रही है। कोरोना के चलते पर्यटकों की संख्या भी सीमित रखने के निर्देश दिए गए हैं। भारत सरकार के इस फैसले से पर्यटक काफी खुश हैं। वहीं वर्ल्ड हेरिटेज साईट सांची में पहले दिन काफी संख्या में स्थानीय पर्यटक इसकी खूबसूरती को निहारने पहुंचे।

तीन महिनों के बाद खुले स्मारक

6 जुलाई 2020 से सांची स्तूपों का भ्रमण के लिए सोशल डिस्टेसिंग के साथ प्रवेश देना शुरू कर दिया गया है। दअरसल कोविड 19 के संक्रमण के चलते पिछले 3 माह 20 दिन से सांची के स्तूप पर्यटको के लिए बंद थे। मध्यप्रदेश में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित सभी 290 स्मारकों को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। लेकिन इनमें केवल ई-टिकट से ही प्रवेश मिलेगा और पर्यटकों की संख्या भी सीमित रखी जाएगी।

सरकार का संदेश

केन्द्र  सरकार एवं पुरातत्व विभाग की गाइड लाइन के मुताबिक सांची में पुरातत्व विभाग द्वारा सभी जरूरी  तैयारियों को पूरा करने के बाद आज से इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। स्मारकों को खोलने के साथ-साथ सरकार ने संदेश दिया है कि अब हम सभी को कोरोना की इस लड़ाई में अपनी सुरक्षा के साथ साथ टूरिज्म गतिविधियों को भी सुचारू रखने की जिम्मेदारी उठानी होगी। सरकार के इस कदम को आत्मनिर्भर भारत अभियान से जोड़कर भी देखा जा रहा है।

स्मारक खुलने से लोगों में खुशी

कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण घरों में कैद रहने वाले युवा आज टूरिस्ट प्लेस खुलने के बाद काफी खुश है। उनका कहना है कि लॉक डाउन के कारण लंबे समय से घर में रह कर डिप्रेशन का शिकार हो रहे थे। लेकिन सांची आकार काफी फ्रेश महसूस कर रहे हैं। युवाओं को उम्मीद है कि अब पढ़ाई सहित अन्य कामो में उनका ठीक से मन लगेगा।

Vikas kumar

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