कांग्रेस में अभी भी सक्रिय है सिंधिया के एजेंट, लेते हैं हर अपडेट

11/27/2020 2:10:41 PM

भोपाल/दिल्ली (हेमंत चतुर्वेदी): कांग्रेस को अलविदा कहने के लगभग साढ़े 8 महीने के बाद भी ज्योतिरादित्य सिंधिया किसी न किसी रूप में उससे अपना जुड़ाव बरकरार रखे हुए हैं और मध्यप्रदेश कांग्रेस के अंदरखानों में क्या चल रहा है, वह इस बात की पूरी जानकारी तो लेते ही हैं, साथ ही पार्टी की मौजूदा राजनीति कवायदों के साथ भविष्य की रणनीतियों के बारे में सिंधिया तक हर अपडेट पहुंचता है। खबर है, कि ज्योतिरादित्य सिंधिया तक कांग्रेस की यह अंदरूनी जानकारियां कोई और नहीं, बल्कि उनके वफादार ही पहुंचाते हैं, जो कांग्रेस संगठन अलग अलग स्तर पर सक्रिय एवं पदस्थ हैं। सिंधिया के ये वफादार उनके एजेंट की तरह काम करते हैं, जिनकी ड्यूटी सिंधिया को कांग्रेस की हर जानकारी मुहैया कराना है। 


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क्या चाहते हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया?
दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भले ही कांग्रेस का दामन छोड़ दिया हो, लेकिन भविष्य में उनका राजनीतिक रसूख पूरी तरह कांग्रेस पर निर्भर है। मध्यप्रदेश खासकर ग्वालियर चंबल अंचल में कांग्रेस जितनी कमजोर होगी, सियासत के फलक पर सिंधिया उतने ही मजबूत होंगे और कांग्रेस को कमजोर रखने के लिए उससे जुड़ी सभी जानकारी सिंधिया तक पहुंचना जरूरी है। इसलिए वह हर तरह का अपडेट लेकर पार्टी की आंतरिक रणनीतियों पर नजर बनाए रखते हैं। खबर तो यहां तक है, कि बीते दिनों डॉ. गोविंद से जुड़े घटनाक्रम की जानकारी सिंधिया को पहले ही पता चल गई थी, कांग्रेस का एक खाटी वर्ग तो गोविंद सिंह के खिलाफ इस उपजे इस विरोध के पीछे भी सिंधिया को ही जिम्मेदार मान रहा है, हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो वही जाने। 

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अपना अलग खेमा तैयार कर रहे सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया को वैसे तो बीजेपी ने काफी कुछ दे दिया, लेकिन फिर भी उनके भीतर एक तरह की अनिश्चितता कायम है और उन्हें लग रहा है, कि बीजेपी के अंदर खुद को मजबूत रखने के लिए व्यक्तिगत मजबूत बहुत जरूरी है। इसीलिए वह दल विशेष पर आधारित न रहते हुए अपना अलग खेमा तैयार करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इस खेमे बीजेपी के साथ कांग्रेस के नेता भी शामिल होंगे। इसे सिंधिया पर आधारित व्यक्तिगत संगठन भी करार दे सकते हैं। जैसा कि हमनें कांग्रेस में एक्टिव सिंधिया के वफादारों का जिक्र किया, वह भी बीजेपी के लिए नहीं, बल्कि सिर्फ सिंधिया के लिए काम कर रहे हैं, जाहिर है कि इसके लिए उन्हें सिंधिया की तरफ से विशेष आश्वासन मिला होगा और संबंधित नेताओं की अपेक्षाओं की पूर्ति वह किस तरह करते हैं यह देखना दिलचस्प होगा।


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meena

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