कांग्रेस में सियासी भूचाल पर सिंधिया की खामोशी, खड़े कर रही बड़े सवाल
3/4/2020 5:15:05 PM
भोपाल: मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर खतरा मंडरा रहा है। हार्स ट्रेडिंग और विधायकों को बंधक बनाए जाने की खबरों से मध्य प्रदेश में सियासी भूचाल आ गया है। बावजूद इसके कांग्रेस के महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया की अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। उन्होंने मंगलवार को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के हार्स ट्रेंडिग के बयान से भी किनारा कर लिया था। वही मंगलवार रात को गुड़गांव मानेसर स्थित आईटीसी होटल में बसपा, सपा और कांग्रेस विधायकों के जबरदस्ती रोकने की खबरों से भी अनजान बने हुए हैं।
दरअसल, 2018 के विधानसभा चुनाव में सिंधिया और कमलनाथ ने मिलकर कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार किया। ये भी सच है कि जनता ने सिंधिया के नाम पर वोटिंग की और कांग्रेस को जताया। लेकिन सरकार बनते ही कमलनाथ को सीएम बनाया गया और सिंधिया को बड़ा तो कोई छोटा पद भी नहीं सौंपा गया। उनका इस तरह से अनदेखा किए जाने पर सिंधिया की नाराजगी की खबरें आने लगी। जिसको विपक्ष ने भी खूब उछाला। हालांकि सीएम कमलनाथ ने इनको नकार दिया।
पिछले कई महीनों से मध्य प्रदेश कांग्रेस में बहुत कुछ ऐसा हुआ है जिससे सिंधिया ने एक दम किनारा किया है। जिसका सीधे तौर पर मतलब यह निकला जा सकता है कि सिंधिया भले ही खुलकर न बोलते हों, लेकिन मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री न बन पाने और कांग्रेस सरकार में अनदेखा किए जाने के बाद वे बेहद नाराज हैं और इसके बाद ही उन्होंने सरकार से दूरी बनानी शुरू कर दी। एक समय तो ऐसा आया कि उन्होंने अपने सोशल मीडिया ट्विटर से कांग्रेस हटा कर जनसेवक लिख लिया था।
इसके बाद सीएम कमलनाथ और सिंधिया के बीच दूरियां बढ़ने की खबरें लगातार सामने आने लगी। हाल ही में सिंधिया ने वचन पत्र को लेकर सड़कों पर उतरने वाले बयान से जिस तरह के तेवर अख्तियार किए, उससे कमलनाथ सरकार की बेचैनी बढ़ गई थी। फिर अब जहां एक ओर दिग्विजय सिंह लगातार विपक्ष पर हार्स ट्रेडिंग के आरोप लगा रहे हैं। सिंधिया ने उनसे भी अनजान होने की बात कही और कहा कि मुझे इस बात की जानकारी नहीं है। राज्य सभा चुनाव से ऐन पहले जिस तरह से सिंधिया के इलाके के और समर्थक विधायकों ने बागी तेवर अख्तियार किया है, उसने कांग्रेस को बेचैन कर दिया है।
गौरतलब है कि कांग्रेस के 114 विधायकों में से करीब 35 से ज्यादा विधायक पार्टी के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक बताए जाते हैं। बीजेपी ने सिंधिया के इसी गढ़ में ऑपरेशन लोटस के जरिए सेंध लगाने की कोशिश की है। लेकिन सिंधिया फिर भी चुप्प हैं। इस बात ने कमलनाथ सरकार की नींद उड़ाकर रख दी है।
इनमें भिंड से बसपा विधायक संजीव कुशवाह, सुमावली से कांग्रेस विधायक ऐंदल सिंह कंसाना, मुरैना से कांग्रेस विधायक रघुराज कंसाना, दिमनी से कांग्रेस विधायक गिर्राज दंडोतिया विधायक और गोहद से कांग्रेस विधायक रणवीर जाटव और बिजावर से सपा विधायक राजेश शुक्ला शामिल हैं। बुरहानपुर सीट से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा तो सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग तक उठा चुके हैं लेकिन अब सिंधिया की चुप्पी ऐसे बहुत से सवाल खड़े कर रही है जिनका जवाब सिर्फ और सिर्फ सिंधिया ही दे सकते हैं।