'BJP की बुलेट ट्रेन से डर कर साइकिल पर सवार हुआ हाथी, कांग्रेस मल रही हाथ'
1/13/2019 2:17:51 PM
भोपाल: शनिवार को उत्तर प्रदेश में मायावती और अखिलेश ने सांझा प्रेस कांफ्रेंस की और एक होकर चुनाव लड़ने के फैसले पर मुहर लगा दी। जहां SP और BSP एक होकर चुनाव लड़ रही है तो वहीं कांग्रेस अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना रही है। इसी बीच मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने तंज कसा है। शिवराज ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 'हाथी जब साइकिल की सवारी करने लगे और पंजा हाथ मलता रह जाए तो समझ लेना कि विकास की, बीजेपी विजय की बुलेट ट्रेन चल पड़ी है'...
हाथी जब साइकल की सवारी करने लगे और पंजा हाथ मलता रह जाए तो समझ लेना कि विकास की, @BJP4India विजय की बुलेट ट्रेन चल पड़ी है...
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 13, 2019
38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी SP-BSP, कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें
गौरतलब है कि शनिवार को लखनऊ में अखिलेश यादव और मायावती ने सांझा प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा कि, 'दोनों पार्टियां लोकसभा चुनाव में 38-38 सीटों पर चुनाव लडेंगी। अमेठी और रायबरेली की दो सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ी गई हैं तो 2 सीटें इस गठबंधन में शामिल होने वाली छोटी पार्टी के लिए हैं।' बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि 'यह गठबंधन 2022 में भी जारी रहेगा।' गौर करने वाली बात यह है कि इस गठबंधन में कांग्रेस को बड़े स्तर पर नजरअंदाज किया गया है। कांग्रेस को उत्तरप्रदेश में सपा-बसपा ने वही सीटें दी जहां से राहुल और सोनिया गांधी सांसद हैं। यूपी में कांग्रेस को इतनी कम सीटें मिलने पर ही शिवराज ने तंज कसा है।
मायावती ने साधा कांग्रेस पर निशाना
लखनऊ में की गई प्रेस कांफ्रेंस में बीएसपी सुप्रीमो ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि, 'कांग्रेस के शासन के दौरान गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार में वृद्धि हुई। हमने तय किया है कि हम देशभर में कांग्रेस जैसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। जहां वे हमारे लिए वोट ट्रांसफर नहीं कर सकते। इसके विपरीत सपा-बसपा के गठजोड़ में दोनों तरह से वोट ट्रांसफर हुए।' मायावती ने कहा कि 'कांग्रेस और भाजपा, दोनों रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार के दोषी हैं। देश में मौजूदा माहौल में अघोषित आपातकाल है, जबकि कांग्रेस ने आपातकाल की घोषणा की थी।'
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बीएसपी और सपा के सहयोग से ही चल रही है। बावजूद इसके मायावती का कांग्रेस पर हमला करना बीजेपी के लिए कांग्रेस को घेरने का एक मौका देना है।