शहादत के 21 साल बाद भी बदहाली का जीवन जी रहे बिहारी सिंह के परिजन, सरकार नहीं ले रही सुध

8/15/2021 2:38:46 PM

डिंडौरी(दीपू ठाकुर): एक तरफ देश में आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारियां चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में एक शहीद का परिवार सालों से खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है। हम बात कर रहे हैं कारगिल वार में शहीद हुए बिहारी सिंह मार्को की जिसने देश की खातिर अपनी जान दे दी लेकिन उस अमर शहीद का परिवार बदहाली का जीवन जीने को मजबूर है। कारगिल वार में शहीद हुए बिहारी सिंह की पत्नी का कहना है की जब उनके पति का पार्थिव शरीर गांव लाया गया था तब अधिकारियों ने उनके बेटे को सरकारी नौकरी देने सहित तमाम सुविधाएं दिलाने का वादा किया था लेकिन सालों गुजरने के बाद भी न तो उनके बेटे को नौकरी मिली और न ही कोई सुविधाएं मिल पाई है।

PunjabKesari

शहीद की पत्नी जानकी बाई का कहना है की उन्हें हर महीने करीब 9 हजार रूपये पेंशन मिलता है जिससे वो किसी तरह अपना जीवनयापन कर रही हैं। गौरतलब है की देश में 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है और इस ख़ास दिन कारगिल में शहीद हुए जवानों की याद में उनके परिजनों को सम्मानित किया जाता है लेकिन बिहारी सिंह के अंतिम संस्कार के बाद से ही न कभी कोई नेता उनके घर पहुंचा है और न किसी अधिकारी को शहीद के परिवार से मिलने की फुर्सत मिली है।

PunjabKesari

ये है शहपुरा विधानसभा क्षेत्र का कोहानी देवरी गांव जहां कारगिल वार में शहीद हुए बिहारी सिंह मार्को का परिवार बदहाली का जीवन जीने को मजबूर है। आपको जानकर हैरानी होगी की जिस अमर शहीद ने देश के लिए लड़ते लड़ते अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया उसके बलिदान को प्रशासन और नेताओं ने नजरंदाज कर दिया है।

PunjabKesari

शहीद के गांव के यात्री प्रतीक्षालय में स्थानीय विधायक भूपेंद्र मरावी की बड़ी बड़ी तस्वीरें तो लगी हुई है पर शहीद की याद में न तो कोई स्मारक बनाया गया है और न कहीं शहीद का कहीं नाम लिखा गया है। शहीद और उसके परिवार के प्रति प्रशासन,सांसद व विधायक के रवैये को लेकर ग्रामीणों में काफी नाराजगी व्याप्त है। ग्रामपंचायत के सरपंच का कहना है की उन्हें अपने गांव के लाल बिहारी सिंह की शहादत पर गर्व तो होता है साथ ही उन्हें इस बात पर दुख भी होता है की नेता और अधिकारियों ने बिहारी सिंह की शहादत को भुला दिया है। इस मामले को लेकर जब हमने इलाके के विधायक भूपेंद्र मरावी से बात की तो उन्होंने शहीद की याद में स्मारक बनाने की बात करते हुए शहीद के परिवार की हरसंभव मदद का भरोसा जताया है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

meena

Recommended News

Related News