MP: शिवराज चौहान ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा, बोले- अब मैं आजाद
Wednesday, Dec 12, 2018-01:47 PM (IST)

भोपाल: मध्यप्रदेश के पंद्रहवें विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पराजय की जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। शिवराज लगभग सवा ग्यारह बजे राजभवन पहुंचे और अपना त्यागपत्र सौंप दिया। त्यागपत्र सौंपने के बाद राजभवन के बाहर उन्होंने पत्रकारों से कहा कि अब वे मुक्त हो गए हैं। चुनाव में जनता ने भाजपा को कांग्रेस की तुलना में ज्यादा वोट दिए, लेकिन संख्या बल के आगे वे नतमस्तक हैं और अपना त्यागपत्र सौंप दिया है।
शिवराज ने कहा कि भाजपा की पराजय की जिममेदारी सिर्फ और सिर्फ उनकी है। इसलिए भाजपा ने सरकार के गठन का दावा पेश नहीं करने का निर्णय लिया है। उन्होंने, ''ना हार में, ना जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं। कर्तव्य पथ पर जो भी मिले, ये भी सही, वो भी सही। अब मैं मुक्त हूं। मैंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हार की जिम्मेदारी पूरी तरह से मेरी है। मैंने कमलनाथ जी को बधाई दी।''
- राज्य में नवंबर दिसंबर 2003 में भाजपा की सरकार बनी थी। उस समय मुख्यमंत्री उमा भारती बनीं।
- भारती के स्थान पर वर्ष 2004 के मध्य में बाबूलाल गौर मुख्यमंत्री बने।
- बाबूलाल गौर को नवंबर 2005 में राजनैतिक कारणों के चलते पद छोडऩा पड़ा और उसके बाद से शिवराज ने इस राज्य के सीएम पद की कमान संभाली थी।
- शिवराज तेरह वर्षों से अधिक समय तक लगातार इस राज्य के मुख्यमंत्री रहे।
- शिवराज के नाम पर राज्य में सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का कीर्तिमान दर्ज है।
- उनसे पहले दिग्विजय सिंह दस वर्षों तक लगातार राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे।
सभी 230 सीटों पर परिणाम आने के बाद कांग्रेस को 114, भाजपा के 109, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को दो, समाजवादी पार्टी को एक और निर्दलीय उम्मीदवारों को चार सीटें मिली हैं। प्रदेश में 230 सीटों वाली विधानसभा में किसी भी पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए 116 सीटें होनी जरूरी हैं।