निकाय चुनाव से पहले शिवराज का सवर्ण कार्ड, कांग्रेस ने दिलाई ‘माई के लाल’ की याद

1/28/2021 1:12:38 PM

रीवा: 3 मार्च के बाद मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों की घोषणा होना तय है। लेकिन इससे ठीक पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सवर्ण कार्ड खेला है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सवर्णों को रिझाने के लिए रीवा में ऐलान किया है कि राज्य में सवर्ण सामान्य वर्ग आयोग का गठन किया जाएगा। वहीं कांग्रेस ने मुद्दे को लपकते हुए सीएम शिवराज को 2018 की याद दिलाई और कहा ये वहीं माई के लाल सवर्ण है जिन्होंने आपको घर बैठाया था।



रीवा में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सवर्णों के लिए घोषणा की कि प्रदेश में सामान्य वर्ग के गरीब बेटे बेटियों को 10 फीसदी आरक्षण मिल रहा है। लेकिन उनके भी हक हैं, अगर वह निर्धन हैं, हमने तय किया है कि उनके कल्याण के लिए प्रदेश में सवर्ण सामान्य वर्ग आयोग बनाएंगे। जैसे अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग आयोग है अब ऐसे ही सवर्ण आयोग बनाया जाएगा। उनकी चिंता भी करने की जरूरत है। लेकिन खास बात यह कि सीएम शिवराज को सत्ता में आए 1 साल पूरा होने को है और घोषणा निकाय चुनाव से ठीक पहले की गई है। यही वजह है कि कांग्रेस के साथ साथ स्पाक्स ने भी इसे लेकर सीएम पर तंज कसा है।



कांग्रेस ने सीएम शिवराज चौहान के इस घोषणा को एक चुनावी जुमला बताया है और कहा कि चुनाव से ठीक पहले ही भाजपा को सवर्णों की याद आई है। कांग्रेस के युवा विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि ये वही माई के लाल है जिन्होंने 2018 में शिवराज सिंह को घर बैठाया था। ये सवर्ण विरोधी हैं और आयोग का गठन इनका सिर्फ एक चुनावी जुमला है। कुणाल चौधरी ने कहा कि  कांग्रेस पार्टी सवर्णों के बीच अभियान चलाकर शिवराज का पुराना बयान याद दिलाएगी।

वहीं सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग के अधिकारियों कर्मचारियों के संगठन ने भी सीएम शिवराज को घेरते हुए कहा है कि  नगरीय निकाय चुनाव नजदीक आ रहे हैं इसलिए अब सीएम को सवर्णों की चिंता हो रही है। शिवराज के माई के लाल बयान के बाद  2018 विधानसभा चुनाव में जो हुआ सबको पता है। अब निकाय चुनाव से पहले यह घोषणा वोट की राजनीती है। आपको बता दें कि, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2016 में एक बयान में कहा था कि कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता। वहीं 2018 में शिवराज सिंह चौहान की हार का बड़ा कारण माना गया। कई भाजपा नेताओं का कहना था कि शिवराज सिंह चौहान के इस बयान से सवर्ण समाज की भावनाएं आहत हुई, इसलिए भाजपा की हार हुई।

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