मोदी के बाद शिवराज ने अब रमन सिंह को भी पीछे छोड़ा! बना दिया रिकॉर्ड, जिसे तोड़ पाना बहुत मुश्किल है...

3/17/2022 3:42:38 PM

एमपी डेस्क: मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने नाम एक और रिकॉर्ड दर्ज करवा लिया है। यह रिकॉर्ड है बीजेपी के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का। जी हां शिवराज सिंह चौहान ऐसे भाजपा नेता है जो सबसे लंबे समय तक सीएम बने हैं। अब तक यह रिकॉर्ड छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के था नाम। छत्तीसगढ़ के सीएम डॉ रमन सिंह 15 साल 10 दिनों तक रहे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे हैं। लेकिन आज 17 मार्च को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 15 साल 11 दिन मुख्यमंत्री बने रहने के बाद यह रिकॉर्ड तोड़ा है। इस रिकॉर्ड के साथ उन्होंने पीएम मोदी को भी पीछे छोड़ दिया है।



चार बार सीएम बनने वाले इकलौते नेता
शिवराज सिंह चौहान के नाम एक और रिकॉर्ड भी है। वे मध्य प्रदेश के चार बार मुख्यमंत्री बनने वाले इकलौते नेता भी हैं। वर्तमान की बात करें तो मुख्यमंत्रियों में देश में सबसे लंबे समय तक सीएम रहने का रिकॉर्ड उड़ीसा के नवीन पटनायक, बिहार के नितीश कुमार, नागालैंड के एन रियो के बाद चौथे नंबर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का है नाम है।



जब पहली बार मुख्यमंत्री बने थे शिवराज सिंह चौहान
शिवराज सिंह चौहान 29 नवंबर 2005 को बाबूलाल गौर की जगह पहली बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद मध्य प्रदेश की कमान उन्होंने इस कदर संभाली कि कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हालांकि 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और शिवराज सिंह को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। कांग्रेस की तरफ से कमलनाथ मुख्यमंत्री बने। लेकिन 15 महीने बाद ही मध्य प्रदेश की राजनीति में एक ऐतिहासिक फेर बदल हुआ और 2020 में कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए। उनके साथ ही कांग्रेस के 22 विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया। इससे कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गई और प्रदेश में फिर से बीजेपी की सरकार बनी। ऐसे में संगठन ने एक बार फिर से शिवराज सिंह चौहान पर भरोसा जताया और उन्हें फिर से प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। 



किसान पुत्र राजनीति के अच्छे धुरंधर निकले
शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च 1959 को सीहोर जिले के जैत के गांव में हुआ था। हाल ही में 5 मार्च को उन्होंने अपना 63वां जन्मदिन मनाया है। शिवराज के पिता का नाम प्रेम सिंह चौहान और माता का नाम सुंदर बाई है। उनके पिता किसान थे। शिवराज सिंह ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्हें जनता के बीच रहना काफी भाता है। कहीं भी जाते हैं तो लोगों का दुख दर्द सुनते हैं। उनके अंदर ऐसी काबिलियत है कि वे अपने स्वभाव से विरोधियो के दिल भी जीत लेते हैं। यही वजह है कि वे जनता के बीच काफी लोकप्रिय हैं। शिवराज सिंह चौहान 6 मई 1992 को साधना के साथ शादी के बंधन में बंध गए। साधना गोंदिया के मतानी परिवार की बेटी थीं। शिवराज को दो बेटे हैं।



राजनीतिक सफर

यूं तो शिवराज सिंह चौहान ने स्कूल और कॉलेज लाइफ में ही राजनीति में रूचि दिखाना शुरु कर दिया था लेकिन वर्ष 1990 के विधानसभा चुनाव के दौरान पहली बार शिवराज ने बुधनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और विधायक बने। 1991 में जब तत्कालीन सांसद अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी सीट से त्यागपत्र दिया तो शिवराज सिंह ने यहां से लोकसभा का उपचुनाव लड़ा और जीत दर्ज कर सांसद बनकर संसद में पहुंचे। इसके बाद इनका राजनीति में पकड़ मजबूत होती गई और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

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