केजरीवाल की राह पर चले शिवराज सिंह, कमलनाथ को दी चुनौती
1/25/2019 7:33:00 PM
भोपाल: प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार को खुली चुनौती दी है। उन्होंने जनता से कहा है कि अगर 100 से ज्यादा बिजली का बिल आए और कोई अगर बिजली काटे तो मैं खुद तार जोड़ूंगा। इससे पहले दिल्ली में अवैध बिजली के तार जोड़कर अरविंद केजरीवाल दिल्ली की सत्ता में काबिज हो चुके हैं।
भले ही शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के मुखिया ना रहे हों, लेकिन टाइगर की तरह दहाड़ना वो अभी भी नहीं छोड़ रहे हैं, गाहे-बगाहे कमलनाथ सरकार की नाक में दम कर उनके बयान सामने आ ही जाते हैं। शिवराज के हाल ही में एक ऐसे ही बयान ने कांग्रेस सरकार के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी है।
दरअसल एक सभा के दौरान उन्होंने भाजपा सरकार की बहु प्रचारित संभल योजना को बंद किए जाने की बात पर कमलनाथ सरकार को धमकी दे डाली। उन्होंने कि अगर योजना बंद की तो सरकार चलाना मुश्किल कर दूंगा। शिवराज सिंह चौहान यहीं नहीं रुके, उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर बिजली का बिल 100 रुपए से ज्यादा और विभाग का कोई कर्मचारी किसी बिजली कनेक्शन को काटने आया तो मैं खुद तार जोड़ने आऊंगा। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान BJP के सत्ता से जाने के बाद से ही बेहद आक्रमक नजर आ रहे हैं। केंद्र ने उन्हें भले ही राष्ट्रीय महामंत्री बना दिया हो, लेकिन मध्य प्रदेश की राजनीति शिवराज छोड़ नहीं पा रहे हैं, चाहे कर्ज माफी पर कमलनाथ को हाशिए पर खड़े करने की बात हो या प्रदेश में लगातार हो रही भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या शिवराज लगातार सुर्खियां बने हुए हैं। शिवराज सिंह चौहान केजरीवाल की तर्ज पर बिजली के तार जोड़ने की बात को सही मानते हैं।
वही, शिवराज सिंह चौहान की इस बयान पर कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने चुटकी ली है। उनका मानना है कि शिवराज सिंह चौहान सत्ता जाने के बाद अखबारों की सुर्खियां बनने के लिए ही बयान बाजी कर रहे हैं और उनका ऐसा करना स्वभाव है।
बता दें कि राजनीतिक दल के नेता जनता की भीड़ देखकर बयान जरूर दे देते हैं। लेकिन कहीं न कहीं वे यह भूल जाते हैं कि जनता इसे सही कदम समझ कर वही करने लगती है ऐसे में नेताओं का राजनीतिक मकसद भले ही पूरा हो जाए लेकिन कानून व्यवस्था की हालत जरूर खराब हो जाती है। जनता पर मामले दर्ज हो जाते हैं, जाहिर है कि राजनीतिक मुद्दा खड़ा करने की बात है सुलझाने की नहीं।