हर दिन 48 करोड़ का कर्ज ले रहे शिवराज सिंह, 34 हजार के कर्ज में पैदा होता है प्रदेश का हर बच्चा

11/23/2020 5:17:04 PM

भोपाल(हेमंत चतुर्वेदी): कोरोना काल के बीच सत्ता संभालने वाले शिवराज सिंह चौहान के सामने इस वक्त प्रदेश की आर्थिक स्थिति सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। आलम यह है, कि इस घाटे को पूरा करने के लिए सरकार को बार बार बाजार के सामने हाथ फैलाने पड़ रहे हैं और शिवराज सरकार ने अपने 8 महीने के कार्यकाल में सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 11500 करोड़ का कर्ज ले लिया है। सरकार बनने के 7 दिन के भीतर ही सरकार ने कर्ज लेने का सिलसिला शुरू कर दिया था, जो अभी तक बदस्तूर जारी है। शिवराज सिंह की यह कर्जनीति अब सियासी तकरार की वजह भी बनती जा रही है, और विपक्ष भी इसे लेकर सरकार पर हमला करने से नहीं चूक रहा। 

PunjabKesari

कब कब कितना कितना कर्ज लिया?
सरकार ने कब कब कितना कर्ज लिया, इस सवाल पर यदि विचार करें, तो सामने आता है कि शिवराज सिंह के चौथी बार सीएम बनने से लेकर अब तक एक भी महीना ऐसा नहीं बीता जब उन्होंने बाजार से कर्ज नहीं लिया हो, सरकार ने सरकार बनने के दस दिन के भीतर सबसे पहले 30 मार्च को 1500 करोड़, उसके बाद  7 अप्रैल को 500 करोड़, फिर 2 जून को 500 करोड़, 7 जुलाई को 2000 करोड़, 4 अगस्त को 2000 करोड़, 10 सितंबर को 1000 करोड़, 7 अक्टूबर को 1000 करोड़, 13 अक्टूबर को 1000 करोड़, 21 अक्टूबर को 1000 करोड़ और अब फिर 4 नवंबर को 1 हजार करोड़ का कर्ज लिया है।  जिस रफ्तार से शिवराज सरकार कर्ज ले रही है, उस हिसाब से उसने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 

PunjabKesari

कर्ज ने पार किया 2 लाख करोड़ का आंकड़ा
शिवराज सिंह सरकार की कर्ज लेने की रफ्तार प्रदेश के खजाने पर बहुत विपरीत असर डाल रही है और अब आलम यह हो गया है, कि प्रदेश पर ऊपर कुल कर्ज 2 लाख करोड़ के ऊपर पहुंच गया है। मौजूदा वक्त में प्रदेश पर कुल कर्ज लगभग 2 लाख 6 हजार करोड़ है। आंकड़ों की मानें, तो 2018 के अंत में यह कर्ज 1 लाख 80 हजार करोड़ था, लेकिन कमलनाथ सरकार के 15 महीने और शिवराज सिंह के चौथे कार्यकाल के 8 महीने में यह सीधा 26 हजार करोड़ बढ़ गया, ये भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है। प्रदेश पर बढ़ता हुआ कर्ज का यह आंकड़ा प्रदेश के हर नागरिक पर भी बोझ बन रहा है और अब आलम यह हो गया है, कि प्रदेश में पैदा होने वाला हर बच्चा लगभग 34000 रुपये के कर्ज में पैदा हो रहा है। 

PunjabKesari

हर साल लगभग साढ़े 16 हजार करोड़ ब्याज
कर्ज बढ़ने के साथ प्रदेश पर हर साल लगने वाला ब्याज भी बढ़ता जा रहा है, 2017 में जहां सरकार कुल कर्ज पर सालाना 12700 करोड़ रुपये ब्याज चुकाती थी, तो 2018 में यह आंकड़ा 14400 करोड़ हो गया। माना जा रहा है, कि 2020 में सरकार कुल कर्ज पर लगभग 16500 करोड़ का ब्याज चुकाएगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

meena

Recommended News

Related News