पत्नी के इलाज के लिए झोपड़ी बेची, फिर भी नहीं मिली गारंटी, अस्पताल बदला तो फ्री में बच गई जान

Tuesday, May 11, 2021-08:24 PM (IST)

बैतूल(रामकिशोर पवार): कोरोना महामारी के इस संकटकाल के बीच मध्यप्रदेश के बैतूल जिले से ऐसी खबर सामने आई है जिसे जानकर आपका भी डॉक्टरों से भरोसा उठ जाएगा। दरअसल यहां के सारणी में रहने वाले एक गरीब मजदूर की पत्नी बीते दिनों कोरोना पॉजिटिव हो गई। पत्नी को बेहतर इलाज मिल सके, इसके लिए इस बेचारे ने उसे शहर के एक नामी लश्करे अस्पताल में भर्ती करवा दिया लेकिन यहां पर उसकी पत्नी को ठीक इलाज तो नहीं मिला। बल्कि इलाज के नाम पर वसूली जमकर की गई और सिर्फ दस दिनों के इलाज में ही उसका तीन लाख का बिल बना दिया गया।

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इसके बाद भी महिला की हालात में कोई सुधार नहीं हुआ। बाद में डॉक्टरों ने कहा- कि इसकी जान की कोई गारंटी नहीं है। आप बिल भरिए और इसे यहां से ले जाइए। बेचारा गरीब तीन लाख रुपये कहा से लाता? मजबूरन उसे अपने सिर की छत बेचनी पड़ गई। पत्नी के इलाज के लिए उसने अपनी झोपड़ी बेच दी और अपनी पत्नी को वहां से डिस्चार्ज करवाके आयुर्वेद हॉस्पीटल में ले आया। जहां उसे बहुत जल्द आराम मिलने लगा और अब उसकी पत्नी काफी हद तक स्वस्थ है।

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लेकिन सवाल यह उठता है कि अपनी पत्नी के जिस इलाज के लिए इस गरीब ने अपने सिर की छत बेच दी। वही इलाज अब उसे मुफ्त में मिल रहा है। ऐसे में बीमारी के नाम पर खुलकर पैसे वसूलने वाले लोगों पर सख्ती के साथ ही उन्हें इसकी सजा भी दी जानी चाहिए।


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meena

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