औरंगाबाद रेल हादसे पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, जब कोई रेल पटरी पर सो जाए तो उसे कैसे रोक सकते हैं?

5/15/2020 3:07:22 PM

नई दिल्ली: औरंगाबाद जिले के रेल हादसे में मध्य प्रदेश के मजदूरों की कटकर हुई मौत के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'जब कोई रेल की पटरियों पर सो जाएं, तो इसे कैसे रोक जा सकता है?' सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें मजदूरों की घर वापसी का पूरा प्रबंध कर रही हैं। बावजूद इसके लोग गुस्से में पैदल ही निकल रहे हैं। इंतजार नहीं कर रहे हैं। इसके लिए कोई जिम्मेदार कैसे हो सकता है? ऐसे में क्या किया जा सकता है?  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारें केवल मजदूरों को पैदल नहीं चलने की सलाह ही दे सकती है उनके ऊपर बलप्रयोग भी तो नहीं किया जा सकता।

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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि सड़कों पर चल रहे प्रवासियों को किसी तरह रोका नहीं जा सकता? सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया।

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आपको बता दें कि बीते गुरुवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में देर रात 14 प्रवासी मजदूर घर वापसी कर रहे थे इस दौरान वे औरंगाबाद-जालना रेलवे ट्रैक पर थक कर सो गए। तभी मालगाड़ी इनके ऊपर से गुजर गई। इस हादसे में 14 मजदूरों की कटकर दर्दनाक मौत हो गई और कुछ एक घायल हो गए। हादसे में जान गंवाने वाले सभी मजदूर मध्य प्रदेश के शहडोल और उमरिया जिले के रहने वाले थे। ये सभी मजदूर औरंगाबाद से मध्य प्रदेश स्थित अपने गृह जनपद के लिए ​पैदल ही निकले थे। औरंगाबाद के एसपी मोक्षदा पाटिल ने बताया कि दर्दनाक हादसे में जान गंवाने वाले सभी मजदूर भुसावल के लिए निकले थे। यहां से वे श्रमिक स्पेशल ट्रेन के से अपने घर वापसी करना चाहते थे। 


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meena

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