औरंगाबाद रेल हादसे पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, जब कोई रेल पटरी पर सो जाए तो उसे कैसे रोक सकते हैं?

Friday, May 15, 2020-03:07 PM (IST)

नई दिल्ली: औरंगाबाद जिले के रेल हादसे में मध्य प्रदेश के मजदूरों की कटकर हुई मौत के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'जब कोई रेल की पटरियों पर सो जाएं, तो इसे कैसे रोक जा सकता है?' सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें मजदूरों की घर वापसी का पूरा प्रबंध कर रही हैं। बावजूद इसके लोग गुस्से में पैदल ही निकल रहे हैं। इंतजार नहीं कर रहे हैं। इसके लिए कोई जिम्मेदार कैसे हो सकता है? ऐसे में क्या किया जा सकता है?  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारें केवल मजदूरों को पैदल नहीं चलने की सलाह ही दे सकती है उनके ऊपर बलप्रयोग भी तो नहीं किया जा सकता।

PunjabKesari

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि सड़कों पर चल रहे प्रवासियों को किसी तरह रोका नहीं जा सकता? सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया।

PunjabKesari

आपको बता दें कि बीते गुरुवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में देर रात 14 प्रवासी मजदूर घर वापसी कर रहे थे इस दौरान वे औरंगाबाद-जालना रेलवे ट्रैक पर थक कर सो गए। तभी मालगाड़ी इनके ऊपर से गुजर गई। इस हादसे में 14 मजदूरों की कटकर दर्दनाक मौत हो गई और कुछ एक घायल हो गए। हादसे में जान गंवाने वाले सभी मजदूर मध्य प्रदेश के शहडोल और उमरिया जिले के रहने वाले थे। ये सभी मजदूर औरंगाबाद से मध्य प्रदेश स्थित अपने गृह जनपद के लिए ​पैदल ही निकले थे। औरंगाबाद के एसपी मोक्षदा पाटिल ने बताया कि दर्दनाक हादसे में जान गंवाने वाले सभी मजदूर भुसावल के लिए निकले थे। यहां से वे श्रमिक स्पेशल ट्रेन के से अपने घर वापसी करना चाहते थे। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

meena

Related News