Bageshwar सरकार को मिली बड़ी चुनौती! स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद बोले- दम है, तो जोशीमठ की धसकती जमीन को रोककर दिखाएं

Saturday, Jan 21, 2023-08:28 PM (IST)

बिलासपुर(सत्येंद्र शर्मा): विवादों से घिरे बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री को लेकर स्वामी जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा बयान सामने आया है। स्वामी जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद दिव्य दरबार दिखाने वाले बागेश्वर धाम सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि वे जोशी मठ आकर धसकती हुई जमीन को रोककर दिखाए, तब उनके चमत्कार को मैं मान्यता दुंगा।

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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी ने कहा कि जोशीमठ की जमीन को धसकने से रोकने वाले को हम फूल बिछाकर लाएंगे। उनके लिए हम पलकें बिछाएंगे और फूल बिछाकर छोड़कर आएंगे। दिखाओं चमत्कार। हम और सारी दुनिया चाहती है कि जोशीमठ में चमत्कार हो जाए। कहां हो रहा है चमत्कार? एक नारियल जो हम पहले से लाए हैं उसमें से चुनरी निकाल दे और बोले कि चमत्कार हो गया। मान लो उसमें से चुनरी की बजाय सोना निकल जाए उससे जनता का क्या भला होगा। जो चमत्कार हो रहे हैं उनसे जनता का भला हो तो हम जय जयकार करेंगे नहीं तो ये सिर्फ छलावा है और कुछ नहीं।

शंकराचार्य ने कहा कि वेदों के अनुसार चमत्कार दिखाने वालों को मैं मान्यता देता हूं, लेकिन अपनी वाहवाही और चमत्कारी वाले बनने की कोशिश करने वालों को मैं मान्यता नहीं देता धर्मान्तरण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि धर्मांतरण के पक्ष में बोलने वाले या विरोध करने वालों के पीछे धार्मिक कारण नहीं है, इसके पीछे राजनीतिक कारण है। सनातन धर्म में धर्म और राजनीति अलग रखे जाते हैं।

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शंकराचार्य ने पिछले दिनों जबलपुर में दिए अपने बयान को लेकर उन्होंने कहा था कि जब अंग्रेज भारत छोड़कर गए थे। उस समय मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा था कि मुसलमानों को अलग कर दिया जाए क्योंकि वह अपनी धरती पर जाकर खुश रहेंगे, इसलिए भारत के टुकड़े किए गए थे और पाकिस्तान बनाया गया था। लेकिन उस समय भी कुछ मुसलमान भारत में ही रह गए यदि उन्हें यहां सुख और शांति की प्राप्ति हो रही है तो फिर पाकिस्तान बनाने की क्या आवश्यकता है। इसलिए एक बार इस मामले में पुनर्विचार किया जाए और फिर से अखंड भारत की का निर्माण किया जाए। इसी देश में रहना और हिंदुओं के बीच रहना हिंदू और मुसलमान दोनों की नियति है तो फिर अलग देश की आवश्यकता नहीं है। इसलिए एक बार फिर से पाकिस्तान पर पुनर्विचार कर दोनों देश को एक कर दिया जाए। इसमें कोई बहुत ज्यादा तकलीफ की बात नहीं है। केवल कागज पर दोनों देश को अपनी सहमति देनी होगी।


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meena

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