श्रीराम मंदिर में साईं की मूर्ति देख भड़के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, बोले- ये अशुद्ध जगह, अब यहां कभी नहीं आऊंगा

5/27/2022 4:49:36 PM

छिंदवाड़ा(साहुल सिंह): छिंदवाड़ा में बड़ी माता मंदिर में श्रीराम और माता के मंदिर में सांई जी की मूर्ति देखकर द्विपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भड़के उठे। उन्होंने मंदिर के पुजारी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि मंदिर में इस मूर्ति का क्या काम है और वे बिना दर्शन किए ही वापस लौट गए। अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि ऐसे मंदिर में मैं भविष्य में दोबारा कभी नहीं आऊंगा।

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दरअसल, अविमुक्तेश्वरानंद गुरूवार को छिंदवाड़ा के छोटी बाजार स्थित बड़ी माता मंदिर और श्रीराम मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे। बड़ी माता मंदिर का निर्माण कार्य जारी है। ऐसे में यहां मंदिर समिति द्वारा स्वामीजी के हाथों गर्भगृह स्थानांतरित करने को लेकर चर्चा की गई थी। उन्हें आमंत्रण भी दिया गया था। दर्शन के दौरान मंदिर परिसर में सांई बाबा की प्रतिमा को देखकर वे क्रोधित हो गए और उन्होंने अपने शिष्य को जमकर लताड़ लगाई।

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हिंदुओं का खून विकृत हो गया है- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
मंदिर के पुजारी के रोकने पर भी वे मंदिर में नहीं रूके, इसके तुरंत बाद छोटा बाजार के राममंदिर भी पहुंचे जहां भी भगवान राम लक्ष्मण के दर्शनों के दौरान उन्हें फिर से सांई बाबा की प्रतिमा दिखाई दी जिसके बाद उन्होंने मंदिर के पुजारी पर नाराजगी जताते हुए यह तक कह डाला कि राम के मंदिर में सांई का क्या काम है? वे इस तरह आगबबूला हो गए कि अपने शिष्य को फटकार लगाते हुए बोले तुमने हमें धोखा दिया। हमने तुम पर विश्वास किया। हमारा संकल्प है कि जिस मंदिर में सांई है वहां हम नहीं जाएंगे, फिर भी तुमने हमारे विश्वास को तोड़ा और हमें ऐसे मंदिर में ले गए अब दोबारा हमारे सामने मत आना।

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आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद इस घटना से इतने नाराज हुए कि उन्होंने मंदिर परिसर में मीडिया से चर्चा के दौरान भी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा में आज हम मां दुर्गा और भगवान श्रीराम के मंदिर में सांई बाबा की मूर्ति देखकर मन दुखी हो गया। हम हमारी आस्था के साथ ऐसा खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे, जब तक सांई बाबा की मूर्ति इन मंदिरों में रहेगी हम यहां पर कभी प्रवेश नहीं करेंगे। मंदिर समिति सांई को हटा दे तो हम खुद यहां आकर पूजा करेंगे। इससे यह बात तो सिद्ध हो गई कि छिंदवाड़ा के हिंदुओं का खून विकृत हो गया।

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बता दें कि शंकराचार्य स्वामी के विशेष प्रतिनिधि है अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद विशेष रूप से शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के विशेष प्रतिनिधि भी है, काशी में उन्होंने काशी में मंदिर तोड़े जाने का विरोध किया था, वहीं छत्तीसगढ़ के कवर्धा में सनातन धर्म के ध्वज को हटाने के विरोध में हजारों लोगों के साथ रैली निकालकर ध्वज को स्थापित भी किया था।


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meena

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