अटल स्पेशल : पूरे देश में यहां है अटल बिहारी वाजपेयी का इकलौता मंदिर, भगवान की तरह होती है पूजा

8/17/2018 6:02:38 PM

ग्वालियर : कहते हैं कि इंसान की पहचान उसके व्यवहार और काम से होती है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी कुछ इस तरह के ही शख्स थे। उन्होंने अपने काम से दुनियाभर में नाम कमाया। वे आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उनका व्यवहार ऐसा था कि वे विरोधियों को भी अपना बनाने में देर नहीं लगाते थे और ये उनका व्यवहार और जनता के लिए प्रेम ही तो है कि लोगों ने उन्हें भगवान माना और उनके मंदिर तक बनावा दिए। अब हम आपको बताते हैं कि देश का वह इकलौता शहर कौन सा है जहां अटल जी का मंदिर बनावाया गया है।



अटल बिहारी वाजपेयी अपने अंतिम सफर पर चले गए। लेकिन उनके जन्म स्थान ग्वालियर की फिजाओं में उनकी यादें और बातें अमर रहेंगी। यहीं अटल अच्छे वक्ता बने और यहीं से कविता लिखने के लिए कलम थामी। इसी शहर में है उनका स्कूल और मंदिर।



आज भी संभाल कर रखा है वो रजिस्टर
अटल अपने माता-पिता के साथ शिंदे की छावनी इलाके में रहते थे। उनके पिता शिक्षक थे। ग्वालियर के चप्पे-चप्पे से अटलजी की यादें जुड़ी हुई हैं। उन्हीं में से एक ग्वालियर का गोरखी स्कूल है। जहां से अटलजी ने मिडिल स्कूल की पढ़ाई की। इस स्कूल में आज भी उस रजिस्टर को संभाल कर रखा गया है जिसमें अटलजी के 6वीं क्लास में एडमिशन लेने का विवरण है। इस स्कूल के मौजूदा स्टाफ या बच्चों को तो उनके साथ पढ़ने या पढ़ाने का मौका नहीं मिला। लेकिन उनकी महान शख्सियत के किस्सों और बातों से मानो ये रोज़ मिलते हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से इस स्कूल से जुड़ा हर शख्श गमज़दा है। स्कूल के शिक्षकों और बच्चों ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।



यहीं बना है अटलजी का मंदिर
ग्वालियर के लोगों में अपने प्रिय नेता के प्रति कितनी श्रद्धा और प्यार है इसका गवाह यहां बना एक मंदिर है। लोगों के लिए वो किसी भगवान से कम नहीं थे। उनके एक प्रशंसक ने अटलजी का मंदिर बनवाया। ये मंदिर सत्य नारायण की टेकरी के पास बना है। मंदिर में रोज पूजा-पाठ और भजन कीर्तन होते हैं। ये देश में अटल जी का इकलौता मंदिर है। वैसे तो लोग रोज ही इस मंदिर में आते-जाते हैं, लेकिन उनके निधन के बाद अब भारी कदमों और भरे दिल से पहुंच रहे हैं।

Prashar

This news is Prashar