MP के इस जिले में लगी नागों की अदालत, दूर दूर से पहुंचे नाग-नागिन!

8/13/2021 7:41:27 PM

रायसेन(नसीम अली): इंसान जब अपराध करता हैं या उससे जुल्म होता हैं तो अदालत में उसे दंड और न्याय मिलता हैं। लेकिन जब कोई जीव इंसान पर जुल्म करे या इंसान जीव पर जुल्म करे तो उसे न्याय किस अदालत में मिलेगा। एक ऐसी अदालत जहां कोई वकील नहीं होता और न ही कोई गवाह, लेकिन न्याय एक दम सत्य मिलता हैं। वह अदालत हैं नागों की अदालत और शेष नाग के सामने होता हैं सत्य असत्य का न्याय। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि यह आस्था है या अंधविश्वाश।

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रायसेन जिले के गैरतगंज तहसील के सिद्घ क्षेत्र श्रीराम रसिया धाम सीहोरा खुर्द में आज नागपंचमी के अवसर पर नागों की अदालत लगी। यह आयोजन सन 1980 से हर साल सीहोरा खुर्द में होता है। आयोजन के दौरान सर्पदंश से पीड़ित रहे लोगों के शरीर में नागों की आत्मा ने प्रवेश कर काटने का कारण बताया। यह लोग नागों द्वारा सताने के बाद सीहोरा दरबार में पहुंचे थे। अपनी तरह के अनोखे एवं चमत्कारिक आयोजन को देखने के लिए दूर दराज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित हुए। ग्राम सीहोरा खुर्द में हनुमानजी एवं शिवजी के सिद्घ स्थान के लिए ख्यातिलब्ध है।

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सीहोरा में नागदेव का चबूतरा है। जहां प्रतिवर्ष नागपंचमी के मौके पर नागों की अदालत लगती है। प्रातः से ही इस आयोजन की तैयारियां होने लगी थी। क्षेत्रभर में हुई तेज वर्षा के बावजूद इस आयोजन के लिए हजारों की संख्या में लोग जुटे। इस आयोजन में रायसेन जिले के सिलवानी, बरेली, उदयपुरा, सुल्तानपुर, औबेदुल्लागंज, बेगमगंज सहित अन्य स्थानों में सीहोरा, भोपाल एवं सागर,जबलपुर,नरसिंहपुर,छतरपुर के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस दौरान नाग पीड़ित व्यक्ति खुद बोलता हैं कि उसके साथ ऐसा क्या हुआ कि सर्प ने काटा।

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सीहोरा स्थित नागदेव के चबूतरे पर नागों की अदालत लगी। दूर-दराज के दर्जनों लोग जो बीते वर्ष में सर्पदंश से पीड़ित थे। वे यहां पंडाजी अजब सिंह की मौजूदगी में बारी-बारी से पीड़ित रहे दर्जनभर से अधिक लोगों के शरीर में नागों की आत्मा ने प्रवेश कर संबंधित व्यक्ति को काटने का कारण बताया। यही नहीं प्रविष्ट नाग की आत्मा ने भविष्य में किसी व्यक्ति को पीड़ा न पहुंचाने की वचनबद्घता भी जताई। मौके पर मौजूद नाग के सताए हुए व्यक्तियों को सीहोरा दरबार में लाए थे तथा यहां से गांसी बंधवाने के बाद आराम मिल गया था। यहां की परम्परा अनुसार अब नागपंचमी पर इस आयोजन में आए हैं। इस आयोजन को देखने के लिए क्षेत्र सहित दूर दराज के श्रद्धालु बड़ी संख्या में सीहोरा खुर्द पहुंचे।

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आधुनिक युग में जहां अंधविश्वासों को तोड़कर विज्ञान ने काफी प्रगति की है। तथा गंभीर रोगों के अत्याधुनिक इलाज की खोजें हुई हैं। इन स्थितियों में लोगों की आस्था अभी इस प्रकार के अनोखे आयोजनों से जुड़ी है। सीहोरा खुर्द में वर्षो से नागपंचमी पर हो रहे इस आयोजन में लोगों का बड़ी संख्या में जुड़ना ऐसी ही आस्था का प्रतीक है। लेकिन इस आस्था और अंधविश्वास के बीच की अगर बात की जाती है तो विज्ञान कहता है कि सांप के काटने का इलाज सिर्फ अस्पतालों में ही से संभव होता है।

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वही रायसेन जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश खत्री का कहना है कि लोगों को ऐसे अंधविश्वास से दूर रहना चाहिए और सांप काटे हुए व्यक्ति को तत्काल अस्पताल लेकर जाना चाहिए जिससे उसका समय पर उचित इलाज हो सके। वहीं उन्होंने इसे लोगों की आस्था तो बताया लेकिन यह भी कहा कि विज्ञान ऐसी आस्था को नहीं मानता है।

 


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Content Writer

meena

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