महाकाल को बांधी सबसे पहली राखी, भस्म आरती में उमड़ा भक्तों का सैलाब, सवा लाख लड्डुओं का लगाया भोग
Wednesday, Aug 30, 2023-10:30 AM (IST)

उज्जैन(विशाल सिंह): भाई-बहन के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन देशभर में बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। महाकालेश्वर मंदिर में भी बाबा महाकाल को राखी बांधी गई। तड़के तीन बजे मंदिर के पट खुलने के बाद भगवान महाकाल को जल अभिषेक कर पंचामृत अभिषेक पूजन किया गया। भस्म अर्पित कर भगवान का श्रृंगार किया गया। इसके साथ ही पुजारी परिवार की महिलाओं ने भगवान महाकाल को राखी बांधी।
मान्यता के अनुसार, हिन्दू रीति से मनाए जाने वाले सभी पर्वों की शुरुआत महाकाल मंदिर से होती है। होली, दिवाली की तरह रक्षाबंधन की शुरुआत भी सबसे पहले बाबा महाकाल को ब्रह्म मुहूर्त में राखी बांधकर की गई। भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल को पूजा अर्चना कर राखी बांधी गई। इस दौरान महाकाल को सवा लाख लड्डू का भोग भी लगाया गया। लड्डू को प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटा गया।
इस बार भद्रा के कारण राखी का त्योहार 30 रात को मनाया जाएगा, लेकिन महाकालेश्वर मंदिर में तड़के 4 बजे भगवान महाकाल को राखी अर्पित की गई। शुद्धता का ख्याल रखते हुए पुजारी परिवार की 8 महिलाओं ने यह राखी घर पर ही तैयार की। इसमें रेशम के धागे, विशेष वस्त्र, स्पंज आभूषणों का इस्तेमाल किया गया। करीब 2 फीट चौड़ी राखी को 10 दिन में तैयार किया गया। पुजारी परिवार की 8 महिलाओं ने भस्मआरती में मिलकर भगवान महाकाल को राखी बांधी। इस दौरान अन्य भक्त भी अपने साथ राखी लेकर आए थे। उनके द्वारा लाई गई राखियां भी भगवान महाकाल को अर्पित की गई।
बुधवार को श्रावण पूर्णिमा रक्षाबंधन पर महाकालेश्वर मंदिर में पुजारी परिवार द्वारा बाबा महाकाल को लड्डुओं का महाभोग लगाया गया। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। इस बार भी भस्म आरती करने वाले पुजारी परिवार द्वारा राजाधिराज महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया गया। भस्म आरती से रात शयन आरती तक महाकाल मंदिर दर्शन करने आने वाले भक्तों को लड्डू प्रसाद के रूप में दिए जाएंगे।