जज पर जूता फेंकने वाले वकील पहुंचे खजुराहो, आर्कियोलॉजिकल सर्वे पर बोले- हिंदुओं के साथ किया जा रहा दोगला व्यवहार

Saturday, Nov 08, 2025-02:29 PM (IST)

छतरपुर (राजेश चौरसिया) : भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने वाले दिल्ली के वकील डॉ. राकेश किशोर कुमार खजुराहो के दौरे पर है। उन्होंने सुबह करीब 10 बजे जवारी मंदिर में प्रार्थना की। इस दौरान उन्होंने आर्कियोलोजिकल सर्वे पर भी आरोप लगाया कि हिंदुओं के साथ दोगला व्यवहार किया जा रहा है। इस दौरान राम राज मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज ऋषि राजेंद्र सिंह नरूका, श्री कृष्ण जन्म भूमि केस मथुरा के मुख्य पक्षकार कौशल किशोर ठाकुर, सनातन धर्म रक्षा पीठ वृंदावन के पीठाधीश्वर, गाजियाबाद डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती सहित कई साधु-संत और स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

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बोले- मांगें पूरी होने के बाद ही माल्यार्पण करेंगे

जवारी मंदिर के गर्भगृह में स्थित 7 फीट ऊंची भगवान विष्णु की खंडित प्रतिमा के सामने सभी उपस्थित लोग बैठकर प्रार्थना की। साधु-संतों ने पूजा और माल्यार्पण किया। राकेश किशोर ने कहा कि वे मूर्ति की पुनर्स्थापना और अपनी मांगें पूरी होने के बाद ही माल्यार्पण करेंगे। उन्होंने बताया कि वे पहले भी खजुराहो आ चुके हैं और उन्होंने यहां के सभी मंदिरों का भ्रमण किया है। खजुराहो से उनका विशेष लगाव है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वे आमतौर पर दिल्ली से सीधे महोबा और फिर टैक्सी से खजुराहो आते हैं, लेकिन इस बार सुरक्षा कारणों से उन्हें फ्लाइट से आना पड़ा।

खजुराहो की सुरक्षा और संरक्षण पर चिंता

राकेश किशोर ने कहा कि खजुराहो में स्वच्छता अभियान चलाने की आवश्यकता है। उन्होंने यहां इंडियन आर्मी द्वारा एयरबेस निर्माण की योजना पर भी चिंता जताई। उनका कहना था कि सुपरसोनिक विमान उड़ने से मंदिरों और हजारों साल पुरानी मूर्तियों को नुकसान होगा।

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मूर्ति नहीं, मानसिकता खंडित होती है

राकेश किशोर ने कहा, "मूर्ति खंडित नहीं होती, मानसिकता खंडित होती है। अगर मूर्ति को पूजा योग्य बनाना है तो उसके शीश को जोड़ दें और बगल में एक छोटी मूर्ति स्थापित करें, जिसकी पूजा हो सके।" उन्होंने आर्कियोलोजिकल सर्वे पर भी आरोप लगाया कि हिंदुओं के साथ दोगला व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा- आप देखिए भोजपुर मंदिर में शिवलिंग का यही हाल था। शिवलिंग टूटा हुआ था, तो वहां इसी ASI ने स्थापना की। दूसरा उदाहरण संभल की मस्जिद का हैं, वह भी ASI की देखरेख में है। तो क्या वहां पर पुताई-लिपाई नहीं की जा रही हैं।

मुगलिया सल्तनत में हिंदुओं का अपमान हुआ

राम राज मिशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नरूका ने कहा कि मुगलिया सल्तनत में हिंदुओं के अपमान के लिए देवियों की मूर्तियों के स्तन, शीश और अन्य हिस्सों को खंडित किया गया। उन्होंने इसे मानसिकता की हिंसा बताया और हिंदू समुदाय से इसे समझकर विरोध करने का आग्रह किया।

राकेश किशोर ने कहा कि 1958 में कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए एक्ट को अब बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मूर्तियों का पुनः उद्धार, पुनर्स्थापना और पूजा पाठ पहले किया जाना चाहिए, उसके बाद कानून लागू होना चाहिए।

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बोले- मांगें पूरी नहीं हुई तो संघर्ष जारी रहेगा

राकेश किशोर ने कहा कि यदि उनकी मांगें इस जन्म में पूरी नहीं हुईं तो वे अगले जन्म में भी इस मुद्दे पर संघर्ष करेंगे। उन्होंने कहा कि हिंदू समुदाय एकजुट होकर अपनी संस्कृति और मंदिरों की सुरक्षा के लिए आवाज उठाए।

ASI अधिकारी ने मंदिर परिसर में शांति बनाए रखने की अपील की

इस दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधिकारी दीक्षांत चावरे अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने उपस्थित लोगों से हाथ जोड़कर निवेदन किया कि वे मंदिर की सीढ़ियों से हट जाएं, ताकि दर्शन करने आए पर्यटकों को कोई असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि सभी लोग अपनी बात शांतिपूर्ण तरीके से रखें, क्योंकि एएसआई का काम केवल मंदिरों और स्मारकों की देखरेख करना है।

अधिकारियों ने बताया कि खजुराहो के सभी स्मारक आम पर्यटकों के लिए खुले हैं। लेकिन वहां किसी भी प्रकार की पूजा, अर्चना, ध्यान या योग गतिविधि करना सख्त वर्जित है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राकेश किशोर या उनके सहयोगियों ने ऐसी किसी भी गतिविधि के लिए अनुमति नहीं ली थी। नियमों के उल्लंघन की स्थिति में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।


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Content Writer

meena

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