स्कूल के लिए नहीं मिलती बस, राजा महाराजाओं की तरह घोड़े पर जाता है यह बच्चा(Video)

2/13/2021 7:15:07 PM

खंडवा(निशात सिद्दीकी): 'कहते हैं जहां चाह वहां राह' ये कहावत सच कर दिखाई खंडवा के छोटे से बच्चे ने। दरअसल बच्चे स्कूल न जाने के एक से बढ़कर एक बहाने बनाते हैं लेकिन मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के शिवराज ने ऐसा रास्ता निकाल लिया कि जिसकी चर्चा सारे इलाके में हो रही है। दरअसल, कोरोना से उभरने के बाद खंडवा में स्कूल तो खुल गए लेकिन बसों का आना जाना पहले जैसा नहीं रहा। ऐसे में स्कूल से 6 किलोमीटर दूर रहने वाला शिवराज घोड़े पर स्कूल जाने लगा।

खंडवा जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गांव है बोराड़ी माल। यहां के किसान देवराम यादव का बेटा शिवराज पांचवी कक्षा में पढ़ता है। बच्चे का स्कूल अपने गांव से 6 किलोमीटर दूर है। कोरोना लॉकडाउन खुलने के बाद जब क्लास चालू हुई तब बच्चे के मन में स्कूल जाने की इच्छा जागी, लेकिन स्कूल की बस और ऑटो सभी बंद हो गए थे। शिवराज के पिता ने एक घोड़े का बच्चा खरीदा था। इसी बच्चे से शिवराज की दोस्ती हो गई। दोनों ही एक दूसरे के से बहुत घुल मिल गए।



घोड़ा अब 2 साल का हो गया। शिवराज धीरे-धीरे घोड़ा चलाना सीख गया। स्कूल जाने की इच्छा के चलते उसने घोड़े पर बैठकर ही स्कूल जाने की सोची। उसके पिता ने भी हां भर दी और अब वह लगातार स्कूल की पढ़ने जा रहा है। उसका कहना है कि थोड़ा डर लगता था लेकिन डर के आगे भी जीत है।



शिवराज के पिता देव राम यादव बोराड़ी माल के छोटे किसान हैं। पिछले साल उन्होंने एक घोड़े का बच्चा खरीदा था। वह धीरे-धीरे शिवराज का दोस्त बन गया। शिवराज ने उसका नाम राजा रखा। शिवराज अपने गांव से 6 किलोमीटर दूर एक निजी स्कूल में पढ़ने जाता है। पिता का कहना है कि पहले साइकिल से जाता था फिर स्कूल की बस में बैठकर भी गया लेकिन लाक डाउन के बाद से बसें बंद हो गई। अब शिवराज का दोस्त राजा ही उसका परम वाहन है वह उसी के साथ स्कूल जाता है। पिता को भी अपने बेटे के भविष्य को लेकर काफी उम्मीदें हैं।


शिवराज के गांव से स्कूल लगभग 6 किलोमीटर दूर है। स्कूल टीचरों का भी कहना है कि शिवराज काफी प्रतिभाशाली है और पढ़ने में भी होशियार है। लॉकडाउन के कारण लगभग 8 महीने से स्कूल बंद है लेकिन शासन के निर्देश के बाद जनवरी से ओटला क्लास शुरू हुई थी। तभी  से ही वह नियमित घोड़े पर बैठकर स्कूल आता है। स्कूल स्टाफ और अन्य बच्चे भी शिवराज के इस दोस्त से बहुत प्यार करते हैं। शिवराज प्रतिदिन स्कूल आता है, अपने दोस्त राजा को भी स्कूल प्रांगण में बांधता है और पढ़ाई करने के बाद वापस चला जाता है। स्कूल के शिक्षक भी उसके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।

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This news is Content Writer meena