ये है चूल्हे से निकला अनोखा शिवलिंग, हर साल अपने आप बढ़ती है मोटाई

4/27/2020 4:14:37 PM

सतना(रविशंकर पाठक): हमारे इस धरातल में हिंदू ईष्ट देवी-देवताओं के पुराने ऐतिहासिक बहुत से मंदिर बने हुए हैं। सही तरीके से मंदिरों की देखरेख न होने के कारण बहुत सी ऐतिहासिक धरोहर का वजूद समाप्त होने की कगार पर पहुंच गया है। ऐसा ही एक ऐतिहासिक और प्राचीन खाखरा बाबा शिव मंदिर है, जहां पर मौजूद शिवलिंग का आकार अपने आप हर साल मोटा होता जाता है। यह ऐतिहासिक शिव मंदिर सिंह परिवार की संपत्ति पर बना हुआ है। बताया गया है कि सतना नगर निगम के बगहा क्षेत्र में महाकाल खाखरा बाबा शिव मंदिर मौजूद है। स्थानीय निवासी उमर प्रताप सिंह बैंक मैनेजर की संपत्ति पर शिवमन्दिर बना हुआ है। साल 1965 से राजेंद्र प्रसाद उर्फ कोदूलाल इस ऐतिहासिक शिव मंदिर में रहकर महादेव की सेवा करते हैंं। 



इस ऐतिहासिक शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंग की भव्यता और सुंदरता हर किसी को अपना मुरीद बना देती है। ऐसी मान्यता है कि हर साल महादेव की शिवलिंग का आकार अपने आप चौड़ा होता जा रहा है। आसपास के लोगों में अटूट आस्था का केंद्र यह खाखरा बाबा शिव मंदिर बना हुआ है। नगर निगम के वार्ड क्रमांक तीन अंतर्गत यह शिवमंदिर आता है। 


चूल्हे से निकला शिवलिंग, कायाकल्प किया गया
खखरा बाबा शिव मंदिर में सन् 1965 से रहकर महादेव की सेवा करने वाले कोदूलाल ने बताया कि सात एकड़ जमीन शिवमन्दिर के नाम पर है। उन्होंने बताया कि फिलहाल इस ऐतिहासिक शिव मंदिर का कायाकल्प राकेश सिंह और उनके भतीजे संजीव सिंह ने मिलकर किया। तीन साल पहले खखरा बाबा शिव मंदिर का कायाकल्प कराया गया है। नगर निगम के वार्ड क्रमांक तीन के खाखरा बाबा शिव मंदिर को और भव्यता से सराबोर होना चाहिए। कोदूलाल ने बताया कि मान्यता के अनुसार नैनाभिराम शिवलिंग की उत्पत्ति चूल्हे से हुई है। हर साल शिवलिंग के आकार का फैलाव होता जा रहा है। शिवलिंग के करीब उनके परम भक्त नंदी बिराजे हुए हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर के बगल से 12 एकड़ जमीन पर तालाब बना हुआ है। बगहा निवासी कुंवर प्रताप सिंह , संजीव सिंह, चाचा राकेश सिंह अपने इस पैतृक शिवमन्दिर की भव्यता बढ़ाने का काम जरुर समय समय पर करते हुए नजर आते हैं। शिवलिंग के बारे में बताया गया है कि जितनी शिवलिंग भक्तों को ऊपर से पुण्य दर्शन करने के लिए नजर आती है उतने ही आकार की शिवलिंग जमीन के अंदर भी है। उन्होंने बताया कि बहुत साल पहले यहां पर स्थानीय लोगों के समूह ने खजाने के चक्कर में खुदाई को अंजाम दिया जाता है। 

सात पीढ़ियों से जुड़ा है खाखरा बाबा शिव मंदिर
जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि बगहा निवासी उमर प्रताप सिंह बैंक मैनेजर ने अपनी जमीन पर बने महाकाल शिव मंदिर खखरा बाबा को व्यवस्थित कराया। उनकी सात पीढ़ियों ने अपने इस ऐतिहासिक मंदिर की देखरेख की है। कोदूलाल ने बताया कि आसपास रामपुर चौरासी, मझगवां भटठा, भाद, बरदाडीह, बमुरहा सहित कुछ ऐसे एरिया हैं जहां रहने वाले आपराधिक किस्म की गतिविधियों में शामिल रहने वाले लोग इस ऐतिहासिक शिव मंदिर पहुंच कर सामान चोरी करते रहते हैं। बहुत पहले गड़े खजाने को निकालने के लिए यहां पर खुदाई की गई थी। तब देखा गया कि नीचे भी इसी आकार का शिवलिंग मौजूद है। बंजारों की बस्ती से भी इस ऐतिहासिक मंदिर से एक जमाने में संबंध रहा है। उन्होंने बताया कि सिंह परिवार ने शिवमन्दिर के ठीक बगल से माता का दरबार सजाया है। यहां पर साल की दोनों नवमी में भक्तों की भारी भीड़ आती है। 

डेढ़ हजार साल पुराना है खाखरा बाबा शिव मंदिर
सतना नगर निगम के वार्ड क्रमांक तीन में बगहा क्षेत्र में ऐतिहासिक शिव मंदिर बना हुआ है। महाकाल खखरा बाबा मंदिर बना हुआ है। बगहा की जमीन पर तकरीबन डेढ़ साल पुराना ऐतिहासिक शिव दरबार मौजूद है। महाकाल खखरा बाबा मंदिर की महिमा बहुत निराली है। सात एकड़ की जमीन मंदिर के नाम पर की गई है। कुछ दूरी पर बारह एकड़ में भव्य तालाब बना हुआ है। चूल्हे से निकली शिवलिंग पर भक्तों की गहरी आस्था है। यहां पर एक प्राचीन कुंआ भी मौजूद है, सुरक्षा की दृष्टि से कुंआ को व्यवस्थित कर दिया गया है।

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