मामला सुराना गांव का- पलायन की बात करने वाले प्रशासन की कार्रवाई से संतुष्ट, दूसरे पक्ष ने लगाया भेदभाव का आरोप

1/20/2022 4:56:18 PM

रतलाम(समीर खान): एक दिन पहले तक जिस सुराना गांव में दहशत का माहौल बना हुआ था वहां अब शांति है। यहां पर अब दहशत के निशान मिटने लगे हैं। फिलहाल गाव में शांति का माहौल है और ग्रामीण अब खुद अपने हाथों से मकानों पर लिखे मकान बिकाऊ है के निशान मिटाने लगे हैं। वहीं प्रशासन द्वारा मुसलमानों की कुछ एक दुकानें तोड़ी गई है जिस पर उन्होंने भेदभाव का आरोप लगाया है।



बता दें कि गाव में हुए दो पक्षों के आपसी विवाद ने सांप्रदायिक रंग ले लिया था जिसके बाद हिंदू परिवारों ने गांव से पलायन करने की चेतावनी दी गई थी। मामला उजागर हुआ तो प्रशासन हरकत में आया। प्रशासन द्वारा निष्पक्ष कार्रवाई करने की बात कही गई थी और अवैध अतिक्रमण तोड़ने और गांव का माहौल बिगाड़ने वाले पर कार्य करना शुरू की। इस दौरान प्रशासन द्वारा कुछ लोगों के अतिक्रमण भी तोड़े गए। वहीं दूसरे पक्ष ने प्रशासन पर भेदभावपूर्ण कार्यवाही करने का आरोप लगाया।



रतलाम जिले के गांव सुराना में कुछ दिन पूर्व हुए आपसी विवाद के बाद यहां पर हिंदू समाज के कुछ लोगों द्वारा पलायन करने की चेतावनी दी गई थी। इसके बाद गांव में कलेक्टर एसपी द्वारा चौपाल लगाई गई थी और दोनों समाज के लोगों को बुलाकर उनकी परेशानी सुनकर उनका निराकरण करने की बात कही गई थी। जिसके बाद प्रशासन द्वारा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों पर कार्रवाई करने की बात की गई थी और शासकीय जमीन पर बने अवैध अतिक्रमण तोड़ने की बात कही गई थी। प्रशासन द्वारा एक महीने में निष्पक्ष कार्रवाई करने आश्वासन ग्रामीणों को दिया गया था। जिसे लेकर कार्यवाही भी शुरू की गई सबसे पहले गांव में अस्थाई पुलिस चौकी का निर्माण किया गया। जिसमें पुलिस जवान तैनात किये गये। इसके बाद प्रशासन द्वारा बताए गए अतिक्रमण को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई। कुछ निर्माण को तोड़ा भी गया। गांव के पूर्व पटेल दशरथ जाट का कहना था कि हम प्रशासन की कार्रवाई से संतुष्ट हैं और उम्मीद करते हैं कि आगे भी और कार्रवाई की जाएगी अगर प्रशासन निरंतर कार्यवाही करता है तो वह गांव से पलायन नहीं करेंगे।

वही इस मामले में मुस्लिम समाज के लोगों का कहना था कि प्रशासन द्वारा भेदभाव पूर्ण कार्रवाई की जा रही है और उनके निजी जमीन पर बने निर्माण को तोड़ा जा रहा है। मार्केट संचालक शहजाद का कहना था कि यह दुकानें उसकी निजी जमीन पर बनी हुई है और तहसीलदार और गिरधावर  द्वारा 3 बार उसका सीमांकन ओर  नपती की गई और पंचनामा बनाया गया था, जिसमें ये उल्लेख किया गया था कि ये दुकानें निजी जमीन पर है,  लेकिन प्रशासन बिना कागज देखे बिना दबाव में आकर उनका दुकानें तोड़ी जा रही है, जिस प्रकार कलेक्टर द्वारा चौपाल में आश्वासन दिया गया था कि किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा लेकिन उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है।

 

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