दो जवानों की मौत ने बदल दी गांव की सोच, तेरहवी के दिन पंचायत का फैसला- न शराब पीएंगे, न पीने देंगे

7/10/2021 5:52:16 PM

छतरपुर(राजेश चौरसिया): छतरपुर जिला मुख्यालय से सौ किलोमीटर दूर सरवाई थाना क्षेत्र के टेढ़ी कबरी के ग्रामीणों ने गांव में शराबबंदी का निर्णय लिया है और इसके बाद अब गांव में ना तो कोई शराब और अन्य मादक पदार्थों का सेवन करेगा और ना ही इनका विक्रय करेगा और यदि कोई भी इस फैसले के बाद ऐसा करता पाया गया तो न सिर्फ ग्रामीण का विरोध करेंगे बल्कि पुलिस को सूचित कर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी करवाई जाएगी।



दरअसल जिले के गौरिहार ब्लाक के टेढी कबरी से एक बारात उत्तर प्रदेश के मोहनपुर गांव गयी थी और उसी बारात में गए गांव के दो युवक दिलीप पटेल और पप्पू पटेल शराब के नशे में थे और इसी वजह से बारात वापस लौटते वक्त उनका चार पहिया वाहन अनियंत्रित होकर खड़े खम्भे से टकरा गया था और इस हादसे में दोनों की मौत हो गयी। वहीं कई लोग घायल भी हुए थे।



शराब की वजह से एक साथ दो जवानों की मौत की घटना ने पूरे गांव को हिला कर रख दिया और उसके बाद जब दोनों युवकों की तेरहवीं थी तब ग्रामीणों ने एक चौपाल बुलाई और ग्राम प्रधान शकुंतला देश मित्र के नेतृत्व में सभी ग्राम वासियों ने सामूहिक निर्णय लेकर गांव में शराब सहित अन्य मादक पदार्थों के सेवन से लेकर बिक्री पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लगा दिया।



इस चौपाल में जहां पुरुष एक मत थे वहीं महिलाओं ने भी इस फैसले को अपना खुलकर समर्थन देते हुए ऐलान कर दिया कि यदि कोई पुरुष ऐसा करता पाया गया तो महिलाएं भी चुप नही बैठेगीं।ग्राम सरपंच के प्रतिनिधि देशमित्र पटेल बताते है कि पूरे गांव की सहमति के बाद एक प्रतिनिधि मंडल थाना सरबई पहुंचा और वहां थाना प्रभारी को ग्रामीणों के इस फैसले से उन्हें अवगत कराते हुए सूचना के तौर पर आवेदन सौंपा।



वहीं सरबई थाना प्रभारी ने ग्रामीणों के इस फैसले की न सिर्फ सराहना की बल्कि उन्हें आश्वासन भी दिया कि यदि कोई अवैध शराब की बिक्री करे या शराब पीकर उत्पात करे तो तत्काल थाने में सूचना दें, पुलिस उनके साथ खड़ी हुई है। बेशक न जाने कितने परिवार शराब की लत से बर्बाद हो गए न जाने कितने लोग नशे में दुर्घटनाओं का शिकार हो गए और ऐसे में टेढ़ी कबरी गांव नशाबन्दी का निर्णय लेकर एक मिसाल कायम की है और यह नशाबंदी करने वाला गौरिहार तहसील का पहला गांव बन गया है। जरूरत है कि टेढ़ी कबरी गांव की इस पहल का अन्य गांव के लोग भी अनुकरण करके एक मिसाल कायम करें।

meena

This news is Content Writer meena