'वंदे मातरम्' पर सियासत तेज, अमित शाह ने राहुल से पूछा ये सवाल ?

1/3/2019 11:51:35 AM

भोपाल: कमलनाथ सरकार ने मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' पर रोक लगा दी है जिसको लेकर सियासत तेज हो चुकी है। कांग्रेस सरकार के वंदे मातरम पर रोक लगाने के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने हमला बोला है। शाह ने फेसबुक पर लिखा है कि 'हिंदुस्तान के हृदय मध्यप्रदेश को कांग्रेस सरकार तुष्टिकरण का केंद्र बनाना चाहती है। मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम गाने पर प्रतिबन्ध लगाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं शर्मनाक है।'  



 


क्या लिखा है फेसबुक पोस्ट पर ?

 
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि, 'वंदे मातरम मात्र एक गीत भर नहीं होकर यह भारत की स्वतंत्रता आन्दोलन का प्रतीक एवं प्रत्येक भारतीय का प्रेरणाबिंदु है। वंदे मातरम में सम्पूर्ण भारत की रागात्मक अभिव्यक्ति समाहित है। वंदे मातरम पर प्रतिबन्ध लगाकर कांग्रेस ने न सिर्फ देश की स्वाधीनता के लिए वंदे मातरम का जय घोष गाकर अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले वीर बलिदानियों का अपमान किया है बल्कि यह मध्य प्रदेश की जनता के साथ भी विश्वासघात है। किसी भी प्रकार की राजनीतिक सोच में देश के बलिदानियों का अपमान करना मेरे जैसे एक आम भारतीय की द्रष्टि में देशद्रोह के समान है।'

 


 

 

'वंदे मातरम' किसी विशेष वर्ग का नहीं


अमित शाह ने आगे लिखा है कि, 'वंदे मातरम' किसी एक वर्ग विशेष का नहीं है बल्कि भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण आहूत करने वाले लाखों सेनानियों के त्याग का प्रतीक है और केवल एक वर्ग विशेष को खुश करने के लिए इसका अपमान करना बहुत ही दुखद, शर्मनाक एवं देश की स्वतंत्रता का अपमान भी है।'

 

 

राहुल गांधी से पूछा यहा सवाल ? 


अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से सवाल पूछते हुए लिखा है, 'मैं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि 'वंदे मातरम' का यह अपमान क्या उनका निर्णय है ? कांग्रेस सरकार के इस दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय पर राहुल गांधी को देश की जनता के सामने अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए।




 

शिवराज सिंह ने भी साधा निशाना
 

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी कांग्रेस सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए ट्वीट किया है कि, 'वंदे मातरम सिर्फ़ हमारा राष्ट्रीय गीत ही नहीं परंतु राष्ट्र भक्ति का पर्याय है। 'वंदे मातरम्' ऐसा मंत्र है जिसका उद्घोष करते हुए भारत माता के हज़ारों सपूत हंसते-हंसते फांसी पर झूल गए थे। वंदे मातरम् ऐसा मंत्र है जिसका उद्घोष करते हुए हज़ारों स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने सीने पर अंग्रेज़ों की गोलिया खाई थी। इसी मंत्र को जपते-जपते लाखों लोगों ने देश को आज़ाद करने में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। शिवाराज ने लिखा है कि, 'मध्यप्रदेश में वंदे मातरम् का गान हर सप्ताह कैबिनेट मीटिंग से पहले सभी मंत्रियों द्वारा किया जाता था और हर महीने की पहली तारीख़ को वल्लभ भवन के प्रांगण में वंदे मातरम् गान में सभी कर्मचारी और अधिकारी गण उपस्थित रहते थे। वंदे मातरम् के कारण लोगों के हृदय में प्रज्वलित देशभक्ति की भावनाओं में नयी ऊर्जा का संचार होता था। अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस की सरकार ने यह परंपरा आज तोड़ दी। आज (1 जनवरी) पहली तारीख़ को वंदे मातरम् नहीं गाया गया!

 

 

 

सरकारें आती-जाती रहती हैं पर देश के ऊपर कुछ नहीं

कांग्रेस शायद यह भूल गई है कि सरकारें आती हैं, जाती हैं लेकिन देश और देशभक्ति से ऊपर कुछ नहीं है। मैं मांग करता हूं कि वंदे मातरम् का गान हमेशा की तरह हर कैबिनेट की मीटिंग से पहले और हर महीने की पहली तारीख़ को हमेशा की तरह वल्लभ भवन के प्रांगण में हो। अंत में शिवराज ने लिखा है कि,'अगर कांग्रेस को राष्ट्रगीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर राष्ट्र गीत के गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें ! हर महीने की पहली तारीख़ को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंदे मातरम् मैं गाऊँगा। जय हिंद!



बता दें कि मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने 13 साल की पुरानी परंपरा को खत्म करते हुए सचिवालय में महीने के पहले दिन (1 जनवरी) वंदे मातरम नहीं गाया था। दरअसल हर सप्ताह कैबिनेट मीटिंग से पहले सभी मंत्री और हर महीने की पहली तारीख को सचिवालय में सभी कर्मचारी और अधिकारी 'वंदे मातरम' गीत गाते थे। इस बार साल 2019 के पहले कामकाजी दिन पर राष्ट्रगीत नहीं गाया गया। जिसके बाद लगातार बीजेपी कांग्रेस पर निशाना साध रही है।

Vikas kumar

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