गांव तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं, तो मरीज को खाट पर लेकर तीन किमी चले ग्रामीण

8/6/2020 1:28:20 PM

छत्तीसगढ़: कोरिया जिले के खड़गवां विकासखंड यह तस्वीर जिला मुख्यालय से लगभग 50 किमी दूर ग्राम पंचायत कटकोना के नेवारी बहरा की है। जहां वृद्ध सुखराम के बीमार होने की सूचना पर संजीवनी 108 एंबुलेंस तो पहुंची लेकिन एंबुलेंस वृद्ध को लेने उसके घर तक नहीं पहुंच पाई, क्योंकि यहां तक चार पहिया वाहन जाने के लिए कामचलाऊ सड़क भी ही नहीं है। ऐसे में वहां मौजूद ग्रामीणों ने वृद्ध को कच्चे पगडण्डी के रास्ते चलकर 108 एंबुलेंस तक 3 किमी खाट पर लेकर आएं। उसके बाद वृद्ध को फिर सामुदायिक स्वास्थ केंद्र खड़गवां लाया गया। ऐसा करने में कई घंटे लग गए। ये कोई पहला मामला नहीं है कोरिया जिले के कई इलाकों में खाट वाली एंबुलेंस की ऐसी तस्वीर अक्सर देखने को मिलती है। क्योंकि सड़क नहीं होने से ऐसा करना ग्रामीणों की बड़ी मजबूरी है। आत्मा कचोट देने वाली यह तश्वीर प्रशासन के ही खाट पर होने का संदेश बयां कर रही है।

PunjabKesari
जानकारी के अनुसार, मनेंद्रगढ़ विधानसभा के खड़गवां जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत कटकोना नेवारी बहरा गांव में मंगलवार के दिन अचानक सुखराम पंडो की तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल ले जाने के लिए 108 नंबर पर एंबुलेंस के लिए सूचना दी। सूचना मिलने के बाद एंबुलेंस आई तो जरूर पर वृद्ध के घर से 3 किलोमीटर दूर ही सड़क ना होने के कारण रुक गई। अब ऐसे में उसी जान बचाने के लिए लोग वृद्ध को खाट पर ही उठाकर 3 किलोमीटर पतली पगडंडियों से होते हुए खड़ी 108 तक पहुंचाने को मजबूर हो गए। घंटों की मशक्कत के बाद लोगों के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से वृद्ध को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खड़गवां पहुंचाया गया। शासन की कई योजनाओं से अछूते गांव में कामचलाऊ सड़क तक भी नहीं बनाई जा सकी।

PunjabKesari
आजादी के 73 साल बाद भी यदि किसी दूरस्थ गांव में भी ऐसा मंजर देखने को मिलता है तो यह कहना गलत नहीं होगा की आज भी लोग आगे बढ़ने के बजाय वापस ही पीछे की और जा रहे हैं। इस संबंध में ग्रामीणों ने कहा कि, गांव में करीब 100 वयस्क मतदाता निवासरत है पर जब वोटरों के रूप में इनकी जरूरत होती है तब ही यह गांव याद आता है। वरना क्या शासन क्या प्रशासन सब इस गांव के साथ सौतेला व्यवहार ही करते हैं आजादी के आज 73 साल बाद भी यह गांव पक्की सड़क जैसी कई बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए भी अछूता ही रह गया है।
PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

meena

Recommended News

Related News