सिस्टम ने नहीं सुना तो ग्रामीणों ने खुद बना दी सड़क, दीपावली के पहले चंदा लेकर किया बड़ा काम
Monday, Oct 20, 2025-11:05 AM (IST)
जबलपुर: बरगी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीणों ने इस दीपावली पर विकास का असली अर्थ दिखा दिया है। वर्षों से सरकारी अनदेखी और विभागीय अड़चनों से जूझ रहे ग्राम हुलकी और आसपास के गांवों के आदिवासियों ने खुद सड़क निर्माण का बीड़ा उठाया है। ग्रामीणों ने हाथों में गैंती, फावड़ा और तगाड़ी लेकर जंगल से होकर सड़क निकालने का काम शुरू कर दिया है।
यह अनोखी पहल जबलपुर जनपद की ग्राम पंचायत हुलकी के आदिवासी समुदाय ने की है। वर्षों से वे सिवनी और जबलपुर जिलों के बीच सिर्फ तीन किलोमीटर की सड़क के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते रहे, लेकिन समाधान नहीं मिला। आखिरकार ग्रामीणों ने अपने विकास का रास्ता खुद बनाने का फैसला किया।
सिर्फ तीन किलोमीटर की दूरी, लेकिन 40 किलोमीटर का चक्कर
बरगी क्षेत्र के हुलकी गांव से लगे लगभग 25 से 30 गांवों की राष्ट्रीय राजमार्ग से दूरी मात्र 3 किलोमीटर है। लेकिन यह मार्ग वन भूमि से होकर गुजरता है, जिसके कारण सड़क निर्माण की अनुमति वर्षों से लंबित है। इस वजह से ग्रामीणों को सड़क न होने के कारण 40 किलोमीटर लंबा चक्कर लगाकर सिवनी जिले के रास्ते हाईवे तक पहुंचना पड़ता है।
धरना, हड़ताल और गुहार का नहीं हुआ असर
ग्रामीण कई बार जनसुनवाई, सीएम हेल्पलाइन, धरना-प्रदर्शन, और यहां तक कि भूख हड़ताल तक कर चुके हैं। हर बार वन विभाग की अनुमति न मिलने का हवाला देकर फाइलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब ग्रामीणों ने तय किया कि वे सरकारी इंतजार छोड़कर खुद विकास का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
दीपावली पर श्रमदान का उत्सव
दीपावली के मौके पर जब शहरों में लोग घर सजाने में व्यस्त थे, तब हुलकी गांव के सैकड़ों आदिवासी श्रमदान कर सड़क का निर्माण कर रहे थे। उनका कहना है अगर सरकार नहीं बना रही तो हम खुद बनाएंगे। हमारे बच्चों को भी सुरक्षित रास्ता और विकास का अधिकार है।

