जब बंदर की जान बचाने जुटा गांव... गर्म कपड़े पहनाए, दवाई भी खिलाई, लेकिन बचा नहीं पाए...फिर निकाली शव यात्रा

12/31/2021 6:16:23 PM

राजगढ़: आपने इंसानों की शव यात्रा निकलती तो कई बार देखी होगी लेकिन मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में एक बंदर की शव यात्रा निकाली गई जो इलाके में चर्चा का बिषय बनी हुई है। इस अनोखी शव यात्रा में बंदर की अर्थी सजाई गई और बैंड बाजों के साथ महिलाएं, पुरुष, बच्चे, बूढ़े सभी भजन गाते हुए मुक्तिधाम तक पहुंचे। बाद मातम पसर गया। श्मशानघाट में पूरे हिंदू रीति रिवाजों के साथ बंदर को अंतिम विदाई दी गई।

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दरअसल, राजगढ़ जिले के खिलचीपुर तहसील के डालूपुरा गांव में बुधवार को एक बंदर जंगल की ओर से गांव में आ गया। दिनभर तो वह उछल-कूद करता रहा, लेकिन रात को अचानक एक घर के सामने बैठकर कांपने लगा। लोगों ने उसे कांपता देख उसके आस पास आग जला दी। लेकिन बंदर की तबीयत में सुधार नहीं हुआ। गांव वाले उसे तुरंत डॉक्टर के पास खिलचीपुर ले गए। डॉक्टर ने चेकअप के बाद दवाई देकर उसे वापस भेज दिया। पूरा गांव बंदर की जान बचाने की कोशिश में जुट गया लेकिन बंदर ने रात 2 बजे दम तोड़ दिया। इन कुछ ही पलों में बंदर से गांव वालों का एक अंजान सा रिश्ता बन गया। सभी गांव वाले भावुक हो गए और बंदर के शव के पास बैठ गए।

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सुबह हुई तो गांववालों ने बंदर को अंतिम विदाई देने की सोची। पूरा गांव हनुमान मंदिर पहुंचा। यहां बंदर के लिए अर्थी सजाई गई। इसके बाद नारियल रखकर बंदर को नमन किया गया। इसके बाद महिलाओं समेत गांव के सभी लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए। बैंड बाजों के साथ साथ भजन गाते हुए गांववासी बंदर को मुक्तिधाम ले गए। जहां पूरे विधि विधान से बंदर का अंतिम संस्कार किया गया।


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meena

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