Loksabha Election 2019: किस्सा कुर्सी का, बात BJP के गढ़ ''दमोह'' लोकसभा सीट की

4/12/2019 7:22:22 PM

दमोह: यह लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ कही जाती है। वर्ष 1962 में इस सीट पर पहली बार लोकसभा चुनाव हुए थे। शुरुआत में इस सीट पर लगातार तीन बार कांग्रेस का सांसद रहा है लेकिन 1989 में पहली बार दमोह लोकसभा पर जीतने वाली बीजेपी ने उसके बाद से लगातार 8 बार जीत दर्ज की। 2014 में बीजेपी के प्रहलाद पटेल ने इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार को हराया था। 2019 में भी बीजेपी लगातार 9 वीं जीत दर्ज करना चाहेगी। 

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दमोह लोकसभा सीट का इतिहास

दमोह लोकसभा सीट पर पहला चुनाव वर्ष 1962 में हुआ था। उस समय कांग्रेस ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1967 और 1971 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की। लेकिन 1977 में यह सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गई और भारतीय लोकदल ने इसी सीट पर जीत दर्ज की, हालांकि 1980 में एक बार फिर से कांग्रेस ने इस सीट पर कांग्रेस ने वापसी की और उसका यह सिलसिला 1984 में भी जारी रहा। 

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अभी तक इस सीट पर खाता नहीं खोल पाने वाली बीजेपी को आखिरकार 1989 में सफलता हाथ लग ही गई, औऱ इसके बाद दमोह लोकसभा पर किसी और पार्टी को जीत नहीं मिल पाई है। आपको बता दें कि दमोह लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं जिनमें से 4 पर कांग्रेस, 3 पर बीजेपी और 1 सीट पर बसपा का कब्जा है।

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लोकसभा चुनाव परिणाम 2014

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रहलाद सिंह पटेल को 513079(56.25 फीसदी) वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस के चौधरी महेंद्र प्रताप सिंह को 299780 (32.87 फीसदी) वोट मिले थे. दोनों के बीच हार जीत का अंतर 213299 वोटों का था. इस चुनाव में बसपा 3.46 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थी.

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लोकसभा चुनाव परिणाम 2009

वहीं वर्ष 2009 के चुनाव में भाजपा के शिवराज सिंह लोढी को यहां से जीत मिली थी, उन्होंने कांग्रेस के चंद्रभान को हराया था। शिवराज सिंह लोढी को जहां 3,02,673 वोट तो वहीं चंद्रभान को 2,31,796 वोट मिले थे। इस चुनाव में बीएसपी तीसरे स्थान पर रही थी।

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आपको बता दें कि चुनाव आयोग के आंकड़े के अनुसार 2014 के चुनाव में यहां पर 16,51,106 मतदाता थे। जिनमें से 8,82,506 पुरुष मतदाता और 7,68,600 महिला मतदाता थीं। 2014 के चुनाव में इस सीट पर 55.24% मतदान हुआ था।


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Vikas kumar

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