Loksabha Electionj 2019: किस्सा कुर्सी का, बात मालवा की राजधानी 'धार' लोकसभा सीट की
4/7/2019 6:35:57 PM
धार: मध्यप्रदेश की धार लोकसभा सीट में कांग्रेस का दबदबा बीजेपी के मुकाबले ज्यादा रहा है। लेकिन इस सीट पर जनता लगातार किसी एक प्रत्याशी को मौका नहीं देती है। 2014 में यहां से बीजेपी की सावित्री ठाकुर ने कांग्रेस के उमंग सिंघर को मात दी थी।
धार लोकसभा सीट का इतिहास
इस लोकसभा सीट पर पहली बार 1967 में चुनाव हुए थे तब यहां पर भारतीय जनसंघ के भारत सिंह ने जीत हासिल की थी। इसके अगले 2 चुनावों में भी यह सीट जनसंघ के भारत सिंह के पास ही रही। धार लोकसभा सीट पर 1980 में कांग्रेस ने अपनी पहली जीत दर्ज की और इसके बाद अगले 3 लोकसभा चुनावों में यहां पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा। लेकिन इसके बाद 1996 में बीजेपी के छत्तर सिंह ने कांग्रेस के सूरजभान सिंह को हरा दिया। हालांकि छत्तर सिंह भी 1998 में चुनाव हार गए और कांग्रेस के गजेंद्र सिंह यहां से सांसद चुने गए। 1999 चुनाव में भी हारने के बाद बीजेपी ने एक बार फिर इस सीट पर वापसी की लेकिन 2009 में कांग्रेस ने एक बार फिर इस सीट पर वापसी कर ली। धार लोकसभा सीट पर बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस का ही पलड़ा भारी रहा है। कांग्रेस को यहां पर 7 तो बीजेपी को 3 बार जीत मिली है। वहीं इस लोकसभा क्षेत्र के अंदर आने वाली 8 विधानसभा सीटों में से 6 पर कांग्रेस तो 2 पर बीजेपी का कब्जा है।
लोकसभा चुनाव 2014 का परिणाम
वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मोदी लहर का असर यहां पर भी देखने को मिला। बीजेपी की सावित्री ठाकुर ने कांग्रेस के उमंग सिंघर को हरा दिया। सावित्री ठाकुर को जहां 5,58,387 वोट तो उमंग सिंघर को 4,54,059 मिले थे। वहीं बीएसपी यहां पर तीसरे स्थान पर रही थी।
लोकसभा चुनाव 2009 का परिणाम
वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के गजेंद्र सिंह ने बीजेपी के मुकाम सिंह को हराया था। गजेंद्र सिंह को जहां 3,02,660 वोट तो मुकाम सिंह को 2,99,999 वोट मिले थे।
बता दें कि धार को मालवा की राजधानी भी कहा जाता है। चुनाव आयोग के आंकड़े के अनुसार देखा जाए ते 2014 के चुनाव में यहां पर कुल 16,68,441 मतदाता थे। इनमें से 8,58,093 पुरुष तो 8,10,348 महिला मतदाता थीं। 2014 के चुनाव में इस सीट पर 64.54% वोटिंग हुई थी।