Loksabha Election 2019: किस्सा कुर्सी का, बात BJP के गढ़ 'सतना' लोकसभा सीट की

3/15/2019 7:14:14 PM

सतना: विंध्य क्षेत्र की महत्वपूर्ण लोकसभा सीट सतना सीट में बीजेपी का दबादबा है। इस सीट पर कभी कांग्रेस के दिग्गज नेता अर्जुन सिंह सांसद रह चुके हैं। अर्जुन सिंह आखिरी कांग्रसी नेता थे जिन्होंने इस सीट पर चुनाव जीता था। वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव में उन्हें जीत हासिल हुई थी। वर्तमान समय में यहां से बीजेपी के गणेश सिंह सांसद हैं। वे पिछले 3 लोकसभा चुनावों से सतना में जीतते आ रहे हैं। 



सतना लोकसभा सीट का इतिहास

वर्ष 1967 में सतना में पहला लोकसभा चुनाव हुआ था। उस चुनाव में कांग्रेस के डी वी सिंह ने भारतीय जनसंघ के वी बी एस देव को मात दी थी, हालांकि इसके बाद अगले चुनाव में कांग्रेस को हार मिली थी और भारतीय जनसंघ के नरेंद्र सिंह को जीत मिली। वर्ष 1977 में यहां पर हुए चुनाव में पहली बार कांग्रेस औऱ जनसंघ के अलावा तीसरे दल भारतीय लोकदल ने बाजी मारी और सुखेंद्र सिंह सांसद यहां से बने। आपको बता दें कि शुरुआती तीन चुनावों में यहां पर तीन अलग पार्टियों ने जीत दर्ज की। लंबे समय से इस सीट पर सत्ता से दूर कांग्रेस ने आखिरकार 1980 में इस सीट पर वापसी की और गुलशेर अहमद यहां से जीतने में सफल रहे। कांग्रेस की जीत का सिलसिला 1984 भी चलता रहा और अजीज कुरैशी ने बीजेपी के बृजेंद्र पाठक को शिकस्त दी औऱ सतना के सांसद बने, हालांकि अगले ही चुनाव 1989 में अजीज कुरैशी को बीजेपी उम्मीदवार सुखेंद्र सिंह से हार का सामना करना पड़ा था। 

इसके बाद कांग्रेस ने बड़ा दांव खेलते हुए विंध्य क्षेत्र की महत्वपूर्ण मानी जाने वाली सतना लोकसभा सीट से दिग्गज नेता अर्जुन सिंह को चुनाव में उतारा। कांग्रेस का यह फैसला सही साबित हुआ और अर्जुन सिंह ने बीजेपी के सुखेंद्र सिंह को हरा दिया। लेकिन चौंकाने वाला परिणाम तो तब आया जब 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों को शिकस्त दे दी। बसपा के सुखलाल कुशवाहा यहां से जीतने में सफल रहे लेकिन अगले ही चुनाव में वे हार गए औऱ बीजेपी ने यहां फिर से वापसी कर ली। तब से लेकर आज तक सतना लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ बनी हुई है। 



इस सीट पर बसपा का भी खासा प्रभाव रहा है। हालांकि बीएसपी को यहां मात्र एक बार ही जीत मिली है। लेकिन 2009 में हुए चुनाव में बसपा यहां से दूसरे स्थान पर रही थी। सतना लोकसभा सीट पर 4 बार कांग्रेस को, 1 बार जनसंघ, 1 बार बसपा और 6 बार बीजेपी को जीत मिली है। इस सीट पर मौजूदा समय की बात करें तो बीजेपी यहां पर ज्यादा मजबूत दिखाई देती है क्योंकि इस लोकसभा में सात विधानसभा सीटें है जिनमें से पांच सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। 


लोकसभा चुनाव 2009 

वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के गणेश सिंह को जीत मिली थी। उन्होंने बसपा के सुखलाल कुशवाहा को हराया था। बीजेपी उम्मीदवार गणेश सिंह को 1,94,624 वोट तो बसपा के सुखलाल कुशवाहा को 1,90,206 वोट मिले थे और सपा यहां पर तीसरे स्थान पर रही थी।
 

लोकसभा उम्मीदवार

राजनीतिक दल

वोट

 वोट प्रतिशत

गणेश सिंह

बीजेपी

 1,94,624

 29.51%

सुखलाल कुशवाहा

बसपा

 1,90,206

 28.84%

राजाराम त्रिपाठी

सपा

 1,30,339

 19.76%



लोकसभा चुनाव 2014 

वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के दम पर देश में भारी बहुमत से बीजेपी की सरकार बनी और सतना में भी बीजेपी की जीत का सिलसिला जारी रहा। इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी के गणेश सिंह ने अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह को हराया था। बीजेपी के गणेश सिंह को 3,75,288 वोट मिले तो कांग्रेस के अजय सिंह को 3,66,600 मत प्राप्त हुए। 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक सतना की जनसंख्या 22,28,935 है। यहां की 78.72% आबादी ग्रामीण क्षेत्र और 21.28% आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है। सतना में 14.36% जनसंख्या अनुसूचित जनजाति और 17.88% जनसंख्या अनुसूचित जाति के लोगों की है। चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 2014 के चुनाव में यहां पर 14,58,084 मतदाता थे। जिसमें 7,72,027 पुरुष मतदाता और 6,86,058 महिला मतदाता थे। 2014 के आमचुनाव में इस सीट पर 62.65% मतदान हुआ था। 

लोकसभा उम्मीदवार

राजनीतिक दल

वोट

 वोट प्रतिशत

गणेश सिंह

बीजेपी

3,75,288

41.68%

अजय सिंह

कांग्रेस

3,66,600

40.71%

धर्मेंद्र सिंह तिवारी

बसपा

1,24,602

13.84%

 

बता दें कि लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। ऐसे में कांग्रेस सतना में अपने लंब वनवास को खत्म करने की पूरी कोशिश में लगी हुई है तो वहीं बीजेपी भी यहां पर अपना दबदबा बनाए रखना चाहती है।  

Vikas kumar

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