Loksabha Election 2019: किस्सा कुर्सी का, बात पशुपतिनाथ की नगरी 'मंदसौर' लोकसभा की
Monday, Apr 01, 2019-07:32 PM (IST)

मंदसौर: बीजेपी और आरएसएस का गढ़ बन चुकी मंदसौर लोकसभा प्रदेश की बहुप्रतिष्ठित लोकसभा सीटों में से एक है। राज्य के दिग्गज बीजेपी नेता लक्ष्मीनारायण पांडे इस सीट पर सबसे ज्यादा जीते हैं। वे यहां से 8 बार सांसद रह चुके हैं। वहीं कांग्रेस को महज 4 बार ही इस सीट पर जीत मिली है। कांग्रेस की दिग्गज नेत्री मीनाक्षी नटराजन यहां से सांसद रह चुकी हैं। नटराजन 2009 के लोकसभा चुनाव में यहां से विजयी हुई थीं। मंदसौर की पहचान हिंदू व जैन मंदिरों के रूप में भी की जाती है और अफीम उत्पादन के रूप में भी मंदसौर काफी प्रशिद्ध है।
मंदसौर लोकसभा सीट का इतिहास
वर्ष 1957 में यहां पर पहली बार लोकसभा चुनाव हुए थे उस समय कांग्रेस के मानक लाल ने जीत हासिल की थी। लेकिन इसके बाद अगले ही चुनाव में इस सीट पर जनसंघ का कब्जा हो गया। जिसके बाद लगातार 4 बार तक जनसंघ ही यहां से जीतता रहा। लेकिन 1980 मे आखिर कार कांग्रेस को यहां से जीत मिल ही गई। कांग्रेस के बंवरलाल ने लक्ष्मीनारायण को मात दी। इसके बाद के चुनाव में भी कांग्रेस को जीत मिली, लेकिन 1989 में बीजेपी के लक्ष्मीनारायण पांडे ने यहां पर वापसी की। इसकी बाद से लक्ष्मीनारायण रुके ही नहीं वे लगातार यहां से 6 बार सांसद रहे।
इस सीट पर लगातार हार रही कांग्रेस ने 2009 में मीनाक्षी नटराजन को मैदान में उतारा औऱ कांग्रेस का यह कदम सही साबित हुआ। लेकिन 2014 में मोदी लहर में मीनाक्षी भी फेल हो गईं और यह सीट एक बार फिर बीजेपी के पाले में चली गई। इस सीट पर सबसे ज्यादा लक्ष्मीनारायण पांडे का ही जादू चला है। मंदसौर लोकसभा सीट के अंतर्गत 8 विधानसभा सीटें आती हैं। जिनमें से 7 पर बीजेपी और 1 पर कांग्रेस का कब्जा है।
लोकसभा चुनाव 2014 का परिणाम
वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सुधीर गुप्ता ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। सुधीर गुप्ता को जहां 6,98,335 वोट तो मीनाक्षी नटराजन को 3,94,686 वोट मिले थे। वहीं आम आदमी पार्टी यहां पर तीसरे स्थान पर रही थी।
लोकसभा चुनाव 2009 का परिणाम
वर्ष 2009 में लगातार हार से परेशान कांग्रेस ने मीनाक्षी नटराजन के रूप में मजबूत उम्मीदवार उतारा और उन्होंने जीत भी हासिल की। मीनाक्षी को जहां 3,73,532 तो वहीं लक्ष्मीनारायण पांडे को 3,42,713 वोट मिले थे।
बता दें कि मंदसौर जिला पशुपतिनाथ मंदिर और पारसनाथ मंदिर के कारण भी जाना जाता है। वर्ष 2014 में चुनाव आयोग के आकड़ों के अनुसार कुल 16,26,571 वोटर थे। जिसमें से 838076 पुरुष मतदाता तो 7,88,495 महिला मतदाता थीं। 2014 में इस सीट पर कुल 71.40% वोटिंग हुई थी।