क्यों कहा जा रहा है पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को लोकसभा का सेमीफाइनल ?
12/10/2018 5:20:44 PM
भोपाल: देश में 2019 के शुरुआती महीनों में लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों को आम चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इन पांचों राज्यों के चुनाव परिणामों का असर लोकसभा चुनावों में भी देखने को मिल सकता है। क्योंकि इन सभी राज्यों में कुल 83 लोकसभा सीटें हैं। अगर हम बीजेपी की बात करें तो पांचों राज्यों की लोकसभा सीटों में इनके पास कुल 61 सीटें हैं। जिनमें से 52 सीटें तो सिर्फ राजस्थान औऱ मध्यप्रदेश को मिलाकर हैं। 9 सीटें छत्तीसगढ़ से हैं। मिजोरम और तेलंगाना में भाजपा का खाता भी नहीं खुला था। एसे में सवाल यह उठता है कि, अगर बीजेपी राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में 2013 वाला प्रदर्शन नहीं दोहरा पाती है तो 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है।
क्यों कहा जा रहा है इन चुनावों को लोकसभा का सेमीफाइनल ?
पांचों राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव को सेमीफाइनल क्यों कहा जा रहा है इसके पीछे भी एक तर्क है। अगर पांचों राज्यों की विधानसभा सीटों की बात की जाए तो कुल 679 सीटें हैं वहीं अगर इन्हीं राज्यों की लोकसभा सीटों की बात की जाए तो सभी राज्यों में कुल कुल 83 लोकसभा सीटें हैं। मतलब पूरे देश की लोकसभा सीटों का 15 प्रतिशत। मिजोरम और तेलंगाना में बीजेपी का खासा प्रभाव नहीं है लेकिन इन दोनों राज्यों में अगर बीजेपी विधानसभा चुनाव में कुछ सीटें ले आती है तो इसका सीधा असर लोकसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है। वहीं अगर भाजपा राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हार जाती है तो यह तो तय हो जाएगा कि, इन्हें इन राज्यों से 2013 लोकसभा चुनाव जैसी सीटें नहीं मिलेंगी। ऐसी स्थिति में अगर कांग्रेस तीनों राज्यों से मिलाकर कुल 20 सीटें भी ले आती है तो यह बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी करने वाली बात हो जाएगी। बीजेपी और कांग्रेस में कोई भी पार्टी अगर पांचों राज्यों में और खासतौर पर राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में सरकार बनाती है तो कहीं न कहीं 83 लोकसभा सीटों पर इसका लाभ शत प्रतिशत मिलेगा।
2014 लोकसभा चुनाव में इन पांच राज्यों की सीटों का हाल...
पार्टी | राजस्थान | मध्यप्रदेश | छत्तीसगढ़ | मिजोरम | तेलंगाना | कुल सीटें |
बीजेपी | 25 | 27 | 09 | 00 | 00 | 61 |
कांग्रेस | 00 | 02 | 02 | 01 | 02 | 07 |
क्या कांग्रेस अब वापसी की ओर है ?
2014 लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस के पास सिर्फ पंजाब ही ऐसा राज्य है जहां उसने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई है। कर्नाटक में भी कांग्रेस की सरकार है लेकिन वैशाखी के सहारे। ऐसे में कांग्रेस अगर एक साथ पांचों राज्यों में सरकार बना लेती है यह तय हो जाएगा कि, कांग्रेस अब वापसी की ओर है। साथ ही राहुल गांधी की कार्यशैली के लिए भी यह जीत संजीवनी की तरह काम करेगी। क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से राहुल गांधी लगातार हार का सामना कर रहे हैं।
क्या मोदी लहर कमजोर होगी ?
बड़ा प्रश्न यह उठता है कि, अगर बीजेपी इन विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर पाती है तो इस बात को और बल मिलेगा कि मोदी लहर आज भी है। प्रधानमंत्री मोदी ने इन राज्यों में जमकर पसीना बहाया है। लेकिन इसके बावजूद बीजेपी को हार मिलती है तो संभव है कि, मोदी लहर पर सवाल उठेंगे। लोकसभा में मानोबल गिरेगा वो अलग। तो भाजपा भी यह कभी नहीं चाहेगी कि किसी भी राज्य से निराशा हाथ लगे। 2014 लोकसभा चुनाव में एनडीए के गठबंधन में अकेले बीजेपी को ही 282 सीटें मिली थीं। लेकिन पांच राज्यों में अगर बीजेपी हारती है तो एनडीए की सरकार हो ना हो, लेकिन बीजेपी को बहुमत मिलना बहुत मुश्किल हो जाएगा। वहीं अगर इन राज्यों में बीजेपी जीतती है तो 2014 चुनाव के अनुसार लोकसभा सीटों का दायरा और भी बढ़ सकता है।
पांचों राज्यों में कुल विधानसभा/लोकसभा सीटें...
सभा | राजस्थान | मध्यप्रदेश | छत्तीसगढ़ | मिजोरम | तेलंगाना | कुल सीटें |
लोकसभा | 25 | 29 | 11 | 01 | 17 | 83 |
विधानसभा | 200 | 230 | 90 | 40 | 119 | 679 |