महिला ने किया सांप के बच्चे को जन्म देने का दावा! डॉक्टरी जांच में सच्चाई निकली कुछ और...
Thursday, Aug 07, 2025-05:11 PM (IST)

छतरपुर (राजेश चौरसिया) : मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के खजुराहो क्षेत्र अंतर्गत मऊमसानिया गांव से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। यहां की रहने वाली रिंकी अहिरवार नामक महिला ने यह चौंकाने वाला दावा किया है कि उसने "सांप के तीन बच्चों" को जन्म दिया है।
रिंकी, जो हल्के अहिरवार की पत्नी हैं, ने बताया कि उसे अचानक पेट में तेज़ दर्द हुआ और इसके बाद उसने दो सांप जैसे बच्चों को जन्म दिया। इस अजीबोगरीब दावे के बाद गांव में चर्चा का बाजार गर्म हो गया और महिला के घर पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। बताया गया कि कथित "सांप के बच्चों" को एक प्लास्टिक के तशले से ढंककर रखा गया था।
डॉक्टरों की जांच में सामने आया सच...
जैसे ही यह मामला सामने आया, महिला को राजनगर स्वास्थ्य केंद्र लाया गया।
डॉक्टर बोले...
राजनगर के बीएमओ डॉ. अवधेश चतुर्वेदी ने बताया कि- रिंकी अहिरवार हमारे अस्पताल में आई थी। उसने बताया कि कुछ दिन पहले उसे पीरियड्स आए थे और सोमवार को वह बंद हो गए थे। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि महिला गर्भवती नहीं थी। दरअसल, कई बार पीरियड्स के दौरान ब्लड क्लॉट्स (रक्त के थक्के) बन जाते हैं जो धागे या लंबी आकृति के हो सकते हैं। उसी को महिला ने सांप समझ लिया।
डॉ. चतुर्वेदी ने आगे बताया कि जो चीज सांप जैसी दिख रही थी, वह थोड़ी ही देर में अपने आप घुल गई थी और महिला ने भी यह बात मानी। महिला के पेट में अभी भी हल्का दर्द बना हुआ है, और उसका प्राथमिक उपचार कर उसे छतरपुर अल्ट्रासाउंड के लिए भेज दिया गया है।
वैज्ञानिक नजरिया...
विशेषज्ञों के अनुसार, किसी इंसान द्वारा सांप जैसे सरीसृपों को जन्म देना जैविक रूप से असंभव है। यह दावा सिर्फ भ्रांतियों और मानसिक भ्रम का परिणाम हो सकता है।
वायरल वीडियो और अंधविश्वास की हकीकत...
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें महिला रोती हुई दिखाई दे रही है और दावा कर रही है कि उसने सांप को जन्म दिया है। लेकिन डॉक्टरों की टीम द्वारा की गई जांच और रिपोर्ट ने इस अफवाह की सच्चाई सामने ला दी है।
यह मामला एक और उदाहरण है कि अंधविश्वास और भ्रांतियों के कारण लोग भ्रमित हो जाते हैं, और गांवों में जागरूकता की कितनी ज़रूरत है। डॉक्टरों की तत्परता से सच्चाई उजागर हुई और एक और अफवाह फैलने से पहले ही काबू में आ गई। यह जरूरी है कि हम विज्ञान पर भरोसा करें, न कि अफवाहों पर।