संतान प्राप्ति के लिए मंदिर के बाहर पेट के बल लेटती हैं महिलाएं और ऊपर से गुजरते हैं बेगा

11/23/2020 4:39:12 PM

छत्तीसगढ़(अभिषेक झा): आस्था या अंधविश्वास...ये सवाल इसलिए क्योंकि आज 21वीं सदी में कभी कभी कुछ ऐसी तस्वीरें हमारे सामने आ जाती है कि हमें सोचना पड़ जाता है। वो भी तब जब हमारे देश में महिलाओं की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर नई-नई योजनाएं शुरू की जा रही है। इसके साथ ही आत्मनिर्भर भारत को लेकर जारी प्रयासों के बीच ये तस्वीर लोगों को विचलित और झकझोर देने वाली है।

जी हां छत्तीसगढ़ के धमतरी से एक ऐसा ही तस्वीर सामने आई है जो डिजीटल इंडिया के दावों को खोखला साबित करती है। बताया जा रहा है कि यहां हर साल लगने वाले मढ़ई मेले में देश के अलग-अलग हिस्सों से हजारों महिलाएं शामिल होने आती है। इन महिलाओं की बस एक ही मुराद रहती है और वो है मातृत्व का सुख प्राप्त करना। जिसके लिए वो पहले भी कई डॉक्टरों से इलाज करा चुकी है लेकिन हर जगह से निराशा हाथ लगने के बाद उन्होंने यहां का रुख किया।

ये है मान्यता
मान्यता है कि ऐसा करने से महिलाओं को संतान की प्राप्ति होती है। इस साल भी मेले में 200 से अधिक महिलाएं नींबू, नारियल और अन्य पूजा सामाग्री लेकर खुले बाल लेकर पेट के बल लेटी रहीं। जिनपर 10 से ज्यादा बैगा अपने डांग-डोरी के साथ महिलाओं के ऊपर चलते हुए मां के दरबार पहुंचते हैं।



बता दें कि धमतरी के गंगरेल बांध के किनारे माता अंगारमोती का मंदिर है और यहीं हर साल मढ़ई मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें स्थानीय महिलाओं के साथ अन्य प्रदेशों से भी हजारों की संख्या में महिलाएं संतान प्राप्ति की मुराद लेकर आती है। ये मेला दीपावली के बाद आने वाले शुक्रवार को आयोजित किया जाता है। हालांकि इस बार कोरोना संकट के बीच इसकी अनुमति आखिर समय में मिली।

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