Facility का वादा करके मुकरने वाले बिल्डर्स पर अब होगी इस नियम के तहत कार्रवाई, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 219 से मिल सकता है सीधा फायदा

5/8/2022 4:03:43 PM

रायपुर (शिवम दुबे): रायपुर सांसद सुनील सोनी (raipur mp sunil soni) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके देश की अर्बन कमेटी (urban committee) की एक आवश्यक बैठक हुई थी। उसमें देश के भारत सरकार (india government) के सेक्रेटरी, ज्वाइंट सेक्रेट्री, अपर सेक्रेटरी समेत वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि देश में बहुत सारे लोगों को अपने अधिकारों के बारे में मालूम नहीं है। जो लोग हाउसिंग (Housing) में बिल्डर्स लोगों से मकान लेते हैं और वह परेशान रहते हैं और भटकते रहते हैं, उन्हें न्याय नहीं मिल पाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm modi) ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 219 (Consumer Protection Act 219) बनाया है। इस अधिनियम के तहत जो भी उपभोक्ता है उसकी धनराशि वापस नहीं हो रही होगी। मकान जो खरीदा गया है उसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं है जो सहमति से अधिक धनराशि की मांग करता है ऐसे 14 प्रकार बिंदु होते हैं। जिस पर सुनवाई की जाती है।

भारत सरकार को कर सकते हैं सीधे ई-मेल

जो उपभोक्ता (consumer) है वह जिला और प्रदेश के अंतर्गत जा सकता है। अगर जिले और प्रदेश के अंतर्गत उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है तो वह भारत सरकार को भी ईमेल कर सकता है। अगर भारत सरकार को उनकी अगर प्रदेश में सुनवाई नहीं हो रही है, तो भारत सरकार को करेगा तो उनकी सुनवाई 90 दिनों के अंतर्गत की जाएगी। उसके लिए जरूरी चीज है कि वह उपभोक्ता हो। अगर एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से मकान खरीदा होगा तो उसके लिए यह नियम लागू नहीं होगा। एक व्यक्ति अगर कोई बिल्डर आरडीए, हाउसिंग बोर्ड है इन फोरम से चाहे वह प्राइवेट बिल्डर (privite builder) से खरीदा होगा तो वह इस अधिनियम के अंतर्गत आएगा।

मांगे पूरी नहीं करने पर होगी सख्त कार्रवाई

जो भी बिल्डर (builder) अपने उपभोक्ता को जो सुविधा देने का वादा किया हो, अगर वह पूरा नहीं करेगा तो इस अधिनियम के अंतर्गत आएगा। कुछ बिल्डर पर कड़ी कार्रवाई इस अधिनियम के अंतर्गत की जाएगी। 90 दिनों के अंतर्गत अगर बिल्डर उपभोक्ता की मांगों को पूरा नहीं करेगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। रेरा में पंजीकृत होना जरूरी नहीं है, उपभोक्ता बिल्डर और हाउसिंग बोर्ड (housing board) के अंतर्गत पंजीकृत होना जरूरी है।


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News Editor

Devendra Singh

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