खैरागढ़ में 10 किलो सोने की तस्करी पर पर्दा डालने की कोशिश तीन पुलिसकर्मी निलंबित, करोड़ों की डील की गूंज

Wednesday, Sep 10, 2025-11:54 AM (IST)

खैरागढ़। (हेमंत पाल): छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले के गातापार थाना क्षेत्र में एक संदिग्ध तस्करी के मामले ने पुलिस विभाग की साख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शनिवार रात एक ऐसी कार पकड़ी गई, जिसमें करीब 10 किलो कच्चा सोना छिपाकर लाया जा रहा था। जिसकी बाजार कीमत लगभग ₹7.20 करोड़ बताई जा रही है। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि कार को पकड़ने के बावजूद, पुलिसकर्मियों ने बिना किसी कानूनी कार्रवाई के उसे मात्र ₹2000 के चालान पर छोड़ दिया। यह गंभीर लापरवाही सामने आते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।

कैसे सामने आया मामला?

शनिवार रात गातापार थाना क्षेत्र में चेकिंग अभियान के तहत एक बैरियर लगाया गया था। उसी दौरान मध्यप्रदेश से आ रही एक कार को रोका गया। कार की तलाशी में पुलिस को सीट के नीचे छिपाकर रखा गया कच्चा सोना मिला।

कार सवारों के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं थे। पूछताछ में माल का संबंध रायपुर के एक बड़े कारोबारी से होना बताया गया। शुरुआती जांच में सामने आया कि यह सोना महाराष्ट्र से एमपी होते हुए जंगल के रास्ते गातापार पहुंचा था, जिसे खैरागढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों से होते हुए रायपुर भेजने की योजना थी।

पुलिस कार्रवाई या ‘डील’?

सूत्रों के अनुसार, जब कार रोकी गई, तो उसे घंटों तक चेकिंग पाइंट पर रोका गया। इस दौरान कुछ स्थानीय व्यापारी भी वहां पहुंचे और मामले को दबाने की कोशिशें शुरू हो गईं।

थाना प्रभारी आलोक साहू ने न तो एसपी को जानकारी दी, न ही जब्ती की कोई विधिवत कार्रवाई की। उल्टा उन्होंने मात्र ₹2000 का चालान काटकर गाड़ी को छोड़ दिया, जैसे कोई सामान्य ट्रैफिक उल्लंघन हुआ हो।

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एसपी का बड़ा एक्शन – तीन अफसर निलंबित

मामले की भनक लगते ही खैरागढ़ एसपी लक्ष्य शर्मा ने तत्काल कार्रवाई करते हुए निम्न अधिकारियों को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए:

1. आलोक साहू – गातापार थाना प्रभारी 2. एसआई नंदकिशोर वैष्णव 3. प्रधान आरक्षक तैजान ध्रुव

एसपी ने स्पष्ट रूप से कहा:

प्रथम दृष्टया यह मामला गंभीर लापरवाही और संभावित आर्थिक भ्रष्टाचार का प्रतीत होता है। विभागीय जांच जारी है, और आवश्यक होने पर आपराधिक धाराओं में भी कार्रवाई की जाएगी।”

अब जांच के घेरे में कौन-कौन?

वह कारोबारी जिसका नाम पूछताछ में सामने आया।

स्थानीय व्यापारी, जो घटनास्थल पर पहुंचकर कार को छुड़ाने की कोशिश कर रहे थे।

पुलिस कर्मियों की कॉल डिटेल्स और ट्रांजैक्शन, जिन्हें खंगालने के निर्देश दिए गए हैं।

गाड़ी का मालिक और नंबर, जिसकी ट्रेसिंग से और बड़े लिंक खुल सकते हैं।

क्या ईडी या इनकम टैक्स की एंट्री भी हो सकती है?

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सोने का स्रोत और उद्देश्य काले धन या हवाला से जुड़ा पाया गया, तो इसमें प्रवर्तन निदेशालय (ED) और इनकम टैक्स विभाग भी जांच में शामिल हो सकते हैं।

जनता का सवाल – क्या “पैसे” के आगे झुकी कानून की आंखें?

क्या बड़े खुलासे होंगे?

यह मामला अभी प्रारंभिक स्तर पर है, लेकिन इसकी परतें काफी गहरी लग रही हैं। जिस तरह से यह सोना अंतरराज्यीय रूट से होकर, जंगलों के रास्ते छत्तीसगढ़ लाया गया, वह इस बात का संकेत है कि यह कोई साधारण तस्करी नहीं थी।

अब देखना यह होगा कि जांच  कितनी निष्पक्षता और गहराई से काम करती हैं, और क्या वास्तव में दोषियों को सजा मिलती है, या मामला एक बार फिर ‘प्रेशर’ और ‘प्रोटेक्शन’ की भेंट चढ़ जाएगा।


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Content Editor

Himansh sharma

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