एकांतवास जाएंगे बागेश्वर महाराज! सन्यासी बाबा पर लिखेंगे पुस्तक

Saturday, Dec 06, 2025-08:59 PM (IST)

छतरपुर (राजेश चौरसिया) : बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 7 दिसंबर से तृतीय पुस्तक लिखने एकांतवास पर जायेंगे। जानकारी के अनुसार, बागेश्वर महाराज अपने जीवन में दो पुस्तकें लिखी हैं, जो पिछले 2 वर्षों में उनके द्वारा एकांतवास में जाकर लिखी गई हैं। बागेश्वर महराज 7 दिवसीय पुस्तक लेखन यात्रा के शुक्रवार के लिया रवाना हो गए हैं।

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बागेश्वर महराज की प्रथम पुस्तक का नाम 'सनातन धर्म क्या है', इस पुस्तक में महाराज ने सनातन धर्म के बारे में विस्तार से लेखन किया और दुनिया को बताया कि सनातन और इस सनातन शब्द का अर्थ क्या है, और इसमें रहकर किस तरह जीवन को जिया जाता है। इस पुस्तक में सनातन धर्म की विभिन्न परिभाषाएं, सनातन धर्म के ग्रंथ, सनातन धर्म के मूल उद्देश्य और सनातन धर्म के कर्मकांड व सनातन धर्म के चरित्र सहित सनातन धर्म से जुड़ी हुई आदि अनुक्रमों का लेखन किया गया है।

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द्वितीय पुस्तक ‘मल्टी-टैलेंटेड हनुमान’ हनुमान जी की भक्ति, साधना और उनके बहुआयामी व्यक्तित्व को समर्पित पुस्तक है। पुस्तक उद्देश्य हनुमान जी की साधना से जोड़कर उनके चरित्र से प्रेरणा लेना और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना है। दिव्य साधनाएं गुप्त न रह जाएं, इसी भावना से यह पुस्तक लिखी गई है। इसमें हनुमान जी के शाबर मंत्र, सिद्ध प्रयोग, भक्तों के अनुभव, और कलियुग में हनुमान जी को किसने और कैसे पाया। इन सबका सरल वर्णन है। हनुमान जी हर वर्ग विद्यार्थी, व्यवसायी और साधक के लिए प्रेरणास्रोत हैं। यदि आप इनमें डुबकी लगाएंगे तो उनके चरित्र से सीख लेकर ही बाहर निकलेंगे उनका व्यक्तित्व न केवल प्रेरक है बल्कि भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने की दिशा में मार्गदर्शक भी है।

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अब बागेश्वर महाराज अपने जीवन की तीसरी पुस्तक लिखने जा रहे हैं, जिसके लिए महाराज 5-6 दिनों के लिए एकांतवास जाएंगे। बागेश्वर महाराज ने धाम पर आयोजित दिव्य दरबार में भक्तों को जानकारी देते हुए बताया कि अब हम एकांतवास पर जा रहे हैं। इस एकांतवास के दौरान हम अपने दादा गुरु जी के गुरु, ब्रह्मलीन तपोनिष्ठ पूज्य गुरु संन्यासी बाबा के जीवन परिचय, उनकी जीवन यात्रा के प्रारंभ से लेकर, जीवन यात्रा के मध्य घटित घटनाओं और पूज्य संन्यासी बाबा के जीवन में हुए दिव्य चमत्कार, कृपा, उनकी साधना-तपस्या और कैसे एक पैर पर खड़े होकर संन्यासी जी ने सवा करोड़ हनुमान चालीसा पाठ किया था, कैसे उन्हें हनुमान जी के दर्शन मिले थे, इन सभी बातों को पुस्तक में लिखेंगे। महाराज जी 7 दिसंबर को एकांतवास में जाकर पुस्तक लिखेंगे।

यह तृतीय पुस्तक संभवतः पुस्तक कन्या विवाह या महाराज के जन्मोत्सव के दौरान भक्तों के बीच उपलब्ध कराई जाएगी। पिछली दो पुस्तकें विभिन्न प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं, जहां से लगातार भक्त ऑनलाइन माध्यम से मंगवाकर पुस्तकों को आत्मसात कर रहे हैं।


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meena

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