पोला का पारंपरिक त्यौहार, ठेठरी-खुरमी से होता है लेनदेन, दूर- दूर से आते हैं लोग
Sunday, Aug 28, 2022-01:31 PM (IST)

बलौदाबाजार (अशोक टंडन): अब तक आपने सुना होगा और देखा होगा कि पैसों से ही सब कुछ खरीदा जा सकता है। लेकिन छत्तीसगढ़ के इस गांव में पैसे नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के पारम्परिक व्यंजन ठेठरी, खुरमी से आप समान खरीद सकते हैं। दरअसल यह पूरा जो लेनदेन का चलन है वह पोरा के त्यौहार पर चलता है। जिसकी वजह से वहां पर खासा भीड़ होती है। दूर-दूर से लोग वहां आते हैं।
पोरा त्यौहार में डूबा छत्तीसगढ़
यू तो पूरे छत्तीसगढ़ में पोरा का त्यौहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है लेकिन बलौदाबाजार जिले के बलौदाबाजार विकासखंड अंतर्गत ग्राम कोरदा में पोरा का त्यौहार एक अलग ही अंदाज के साथ मनाया जाता है। छत्तीसगढ़ी रोटी ठेठरी- खुरमी से यहां सामानों का आदान-प्रदान होता है। अगर आप भी इस गांव के मेले में पोरा त्यौहार के दिन आना चाहते हैं तो ठेठरी-खुरमी साथ लेकर जा सकते हैं और आप भी सामान ले सकते। इस मेले में लोगों की भीड़ देखते ही बनती है।
दूर-दूर आते हैं लोग
जिस जगह पर मेला होता है। वहां चौराहे पर सुंदर सुंदर मिट्टी का घरौंदा बनाए जाते हैं। जोकि एक विशेष आकर्षण का केंद्र होता है। लगभग बच्चों द्वारा डोलियों के साथ इस घरौंदा का निर्माण किया जाता है और इस घरों में अलग-अलग एंगल से नाम प्रदर्शित कर लोगों को समझाइश भी दिया जाता है। वहीं इस प्रतियोगिता में जिन बच्चों का घरौंदा सुंदर होता है। उन्हें इनाम भी दिया जाता है। इस घरौंदे को बनाने के लिए बच्चे कई दिनों से पहले यहां आकर मिट्टी के इस घरौंदे आने का निर्माण करते हैं। पूरा का त्यौहार यूं तो प्रदेश में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। लेकिन इस गांव में जो पोरा का त्यौहार मनाया जाता है उसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।