लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग से पहले राजनीति तेज... CM मोहन ने पूर्व सीएम को लेकर कह दी ये बड़ी बात...
Sunday, Apr 28, 2024-07:51 PM (IST)
भोपाल। (विनीत पाठक): मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दिग्विजय सिंह पर पलटवार किया है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि दिग्विजय सिंह जी ने जिस ढंग से अमित शाह जी के बारे में हल्की बात कही मैं उसकी निंदा करता हूँ और मैं उम्मीद करता हूँ कि दिग्विजय सिंह जी माफ़ी मांगेंगे... अमित शाह जी ने जो बात रखी वो डंके की चोट रखी है। दिग्विजय सिंह हमेशा अपने बयानों में अरविंद केजरीवाल की बुराई करते रहे हैं उन्होंने कहा कि केजरीवाल जी के बारे में, मैं कुछ डेट भी बता सकता हूँ. 20 अक्टूबर 2012 इन्ही दिग्विजय सिंह जी ने कहा था कि मुझे अरविंद केजरीवाल में 'हिटलर की झलक' दिखाई देती है।
2015 में दिल्ली में सफाई कर्मियों की हड़ताल चल रही थी और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को उन्होंने 'नौटंकी का मास्टर' कहा था। आपने क्या-क्या नहीं बोला दिग्विजय सिंह जी... अरविंद केजरीवाल को लेकर.... लेकिन अब आपका काम पड़ रहा है तो आप उनकी एक नेता से समर्थन ले रहे हो... राजगढ़ के चाचोड़ा से आप पार्टी की प्रत्याशी रहीं. अब वो आपका समर्थन कर रही हैं... आपको अब शर्म नहीं आ रही हैं?
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने दिग्विजय सिंह से पूछा कि आपने अयोध्या के मामले को लेकर के क्या-क्या नहीं कहा?
पाकिस्तान के आतंकवादियों को 'जी' कहा। जिन्होंने देशद्रोही का रोल अदा किया। 1992 में हुई घटना में आपने कहा था कि मंदिर का सवाल नहीं है। इन्होने ढांचा तोड़ा इसका दुःख हुआ था... तो आप तो इस बात को लेकर के भारत से माफ़ी मांगे, मध्यप्रदेश से माफ़ी मांगे। राम मंदिर के मामले में आपने और आपकी पार्टी ने कितने अड़ंगे लगाए और अब आप कहते हो कि मैंने चंदा दिया, चंदा देना अलग बात है, आप चंदा ले जाओ वापस, चंदे की जरूरत नहीं है। लेकिन भगवान राम के मंदिर में न तो निमंत्रण को स्वीकार करने में अपनी पार्टी में कोई भूमिका अदा की, न ही राम मंदिर को लेकर आपने आज तक वहां जाकर दर्शन करके अपनी श्रद्धा दिखाई।
सीएम ने कहा आप कब तक हिंदुओं को मूर्ख बनाओगे?
जनता सब देखती है, जनता सब जानती है। तो बेहतर ये होगा कि आप अपनी इन सारी बातों को लेकर के जनता के बीच अपनी स्थिति स्पष्ट करें। केवल चुनाव जीतने के लिए आप अच्छी-अच्छी बात करोगे और अब ऐसा लग रहा है कि सारे विषय जैसे खत्म हो गए। चुनाव ऐसे नहीं जीता जाता.... चुनाव अपने विचार की स्पष्टता से जीता जाता है.... पार्टी की नीति से और अपने कार्य व्यवहार से जीता जाता है... आपने दस साल में बंटाढार सरकार का ख़िताब पाया ... जनता वो सारी बातों को भूली नहीं है .... मैं उम्मीद करता हूँ कि जनता इसका फैसला आगामी सात मई को करेगी।