दुर्ग ने पाकिस्तानी हैकर्स का साइबर अटैक: तीन महीने में तीसरी बार हैक हुई हेमचंद विश्वविद्यालय की वेबसाइट
Wednesday, Sep 10, 2025-09:22 PM (IST)

दुर्ग। (हेमंत पाल): छत्तीसगढ़ के हेमचंद यादव विश्वविद्यालय एक बार फिर साइबर हमले का शिकार हो गया है। विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट को पाकिस्तान समर्थित हैकर्स ने निशाना बनाया, और इस बार हमलावरों ने वेबसाइट पर देश विरोधी नारे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक संदेश पोस्ट किए। हैकिंग की यह घटना महज कुछ ही घंटों के अंतराल में दो बार रविवार और सोमवार को अंजाम दी गई, जिससे सुरक्षा व्यवस्थाओं की गंभीर खामियां उजागर हुई हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह घटना न केवल विश्वविद्यालय की तकनीकी विफलता को दर्शाती है, बल्कि देश की साइबर सुरक्षा चुनौतियों की भी बड़ी मिसाल है।
तीन महीने में तीसरी बार हैकिंग
इससे पहले भी 7 जुलाई को हेमचंद विश्वविद्यालय की वेबसाइट हैक की गई थी, जिस पर भी इसी प्रकार के देशविरोधी संदेश डाले गए थे। तब विश्वविद्यालय प्रशासन ने कड़े सुरक्षा उपाय करने और वेबसाइट का साइबर सिक्योरिटी ऑडिट कराने की घोषणा की थी। लेकिन इन दावों के बावजूद वेबसाइट की सुरक्षा में कोई ठोस सुधार देखने को नहीं मिला।
विश्वविद्यालय के आईटी विभाग की ओर से दावा किया गया था कि "इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In)" को सूचना देकर औपचारिक साइबर ऑडिट कराया जाएगा। मगर अंदरूनी सूत्रों की मानें तो यह प्रक्रिया कागज़ों तक ही सीमित रही, और व्यावहारिक स्तर पर कोई कदम नहीं उठाया गया।
वेबसाइट पर देश विरोधी संदेश और डिजिटल पोस्टर
हैकर्स ने वेबसाइट पर न केवल भारत विरोधी नारे लगाए, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाते हुए आपत्तिजनक डिजिटल पोस्टर भी अपलोड किए। इससे विश्वविद्यालय की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुंचा है, और छात्रों व अभिभावकों के बीच चिंता का माहौल बना हुआ है।
छात्रों और अभिभावकों में रोष
विश्वविद्यालय की सुरक्षा में हो रही लगातार चूक से विद्यार्थी और अभिभावक खासे नाराज़ हैं। एक छात्रा ने बताया, "हर महीने वेबसाइट हैक हो रही है। परीक्षा परिणाम, ऑनलाइन आवेदन और जरूरी दस्तावेज डाउनलोड करना मुश्किल हो गया है। यह सिर्फ टेक्निकल इश्यू नहीं, हमारी शिक्षा से खिलवाड़ है।"
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की चेतावनी
साइबर विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी संस्थाओं को नियमित रूप से सुरक्षा ऑडिट कराना चाहिए। एक वरिष्ठ साइबर विश्लेषक ने कहा, "यह महज शुरुआत हो सकती है। अगर अब भी वेबसाइट की सुरक्षा को नजरअंदाज किया गया, तो हैकर्स विद्यार्थियों के डेटा, परीक्षा परिणाम, और यहां तक कि वित्तीय लेनदेन तक भी पहुंच बना सकते हैं।"
क्या कहता है प्रशासन?
हेमचंद विश्वविद्यालय के प्रशासन ने फिर एक बार सुरक्षा बढ़ाने का दावा किया है। कुलपति कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया, "वेबसाइट पर तात्कालिक नियंत्रण वापस ले लिया गया है और सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जा रहा है। CERT-In को सूचना भेज दी गई है और जल्द ही तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ऑडिट के लिए भेजी जाएगी।"
लेकिन अब सवाल ये है — जब जुलाई में यही दावा किया गया था, तो फिर दोबारा हैकिंग कैसे हुई?
सरकारी विश्वविद्यालयों की कमजोर साइबर सुरक्षा अब एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। यह घटना एक चेतावनी है कि तकनीकी युग में केवल बुनियादी आईटी समर्थन से काम नहीं चलेगा। अब वक्त आ गया है कि शिक्षा संस्थान भी साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता दें — नहीं तो अगला हमला और भी गहरा घाव दे सकता है।