दुर्ग शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़े का भंडाफोड़! फर्जी सर्टिफिकेट वाले शिक्षकों पर जल्द गिरेगी गाज

Thursday, Oct 30, 2025-07:32 PM (IST)

दुर्ग। (हेमंत पाल): छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में शिक्षा विभाग के भीतर एक बड़ा खुलासा सामने आने की संभावना है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिले में कई शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने फर्जी दस्तावेज़ों और नकली मेडिकल सर्टिफिकेट के सहारे सरकारी नौकरी हासिल की है। अब इन फर्जीवाड़ों की फाइलें खुलने वाली हैं विभाग ने पूरी जांच शुरू कर दी है और जल्द ही इन शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई होने की तैयारी है।

जहां एक ओर पढ़े-लिखे युवा बेरोज़गार होकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर फर्जी कागज़ों के सहारे कुछ लोग सालों से सरकारी वेतन उठा रहे हैं। यह मामला न केवल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि उन ईमानदार उम्मीदवारों के लिए भी चिंता का विषय है जो योग्य होते हुए भी नौकरी से वंचित हैं।

गजेंद्र यादव के कार्यकाल में सख्ती बढ़ी

राज्य के शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव के कार्यभार संभालने के बाद विभाग में अनुशासन और पारदर्शिता पर जोर दिया जा रहा है। हाल ही में गैर-जिम्मेदार और बच्चों के प्रति लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई थी। अब अगला चरण फर्जी सर्टिफिकेट जांच का है।

सूत्रों का कहना है कि शिक्षा विभाग ने दुर्ग जिले के सभी शैक्षणिक संस्थानों से शिक्षकों के शैक्षणिक दस्तावेज और मेडिकल रिकॉर्ड मंगवाए हैं। प्राथमिक जांच में कई विसंगतियां सामने आई हैं खासतौर पर मेडिकल ग्राउंड पर लिए गए अवकाश और नियुक्ति के मामलों में।

फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट से नौकरी!

जानकारी के मुताबिक, कुछ शिक्षकों ने नौकरी पाने या तबादले से बचने के लिए झूठे मेडिकल सर्टिफिकेट जमा किए हैं। इन सर्टिफिकेट्स में कुछ ऐसे डॉक्टरों के नाम शामिल हैं जिनका रजिस्ट्रेशन ही संदेहास्पद बताया जा रहा है।

विभाग ने ऐसे मामलों में स्वास्थ्य विभाग से भी समन्वय साधा है ताकि प्रमाणिकता की पुष्टि की जा सके। जांच रिपोर्ट आने के बाद फर्जी पाए जाने वाले शिक्षकों की सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए जा सकते हैं।

जनता में चर्चा साफ सुथरी शिक्षा की राह

दुर्ग जिले में यह कार्रवाई साफ-सुथरी शिक्षा व्यवस्था की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि यह जांच निष्पक्ष रूप से पूरी होती है, तो वर्षों से चल रहे फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी और deserving उम्मीदवारों को न्याय मिलेगा।

क्या कहता है शिक्षा विभाग?

शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, जिले में शिक्षकों के सभी दस्तावेजों की पुनः जांच कराई जा रही है। फर्जी प्रमाणपत्र या मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर नौकरी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। यह सरकार की प्राथमिकता है कि शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी और ईमानदार बने।

फर्जी दस्तावेज़ों पर नौकरी करने वाले शिक्षकों के दिन अब लदने वाले हैं। शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव के नेतृत्व में विभाग एक बार फिर सख्त रुख अपनाने जा रहा है। आने वाले दिनों में दुर्ग जिले से कई फर्जी नियुक्तियों के पर्दाफाश की उम्मीद जताई जा रही है।


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Content Editor

Himansh sharma

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