भागवती बाई ने साबित कर दिया लाखों में कोई एक सुहागन सदा सुहागन होती है, एक साथ उठी पति पत्नी की अर्थी
Friday, Jan 03, 2025-07:31 PM (IST)
गुना। (मिसबाह नूर): साथ-जिएंगे, साथ मरेंगे। इस तरह की कस्में अक्सर नए-नवेले प्रेमी जोड़ों को खाते हुए देखा जाता है। लेकिन असल प्रेम तो वह है जो वाकई एक-दूसरे को अंतिम सांस तक एक-दूसरे के साथ रखे और जुदा भी हों तो एक साथ इस दुनिया को अलविदा कहें। आमतौर पर इस तरह की बातें किताबों में कहने और सुनने को मिलती हैं, लेकिन प्रेम गहरा हो और एक-दूसरे से लगाव इस हद तक हो कि साथ जीने की ख्वाहिश से ज्यादा साथ मरने का अरमान मन में बस जाए तो खुदा भी अनदेखी नहीं कर सकता है। कुछ इसी तरह की कहानी है बमौरी तहसील के ग्राम धनोरिया निवासी कल्याण सिंह धाकड़ और उनकी पत्नि भागवती बाई की।
3 जनवरी को कल्याण सिंह धाकड़ ने उपचार के दौरान जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया तो ठीक उसी समय उनकी बीमार पत्नी का धनोरिया स्थित अपने निवास पर निधन हो गया। पति-पत्नि की एक साथ मौत की खबर मिलते ही पूरे गांव में गम का माहौल है। लेकिन लोग इस दम्पत्ति के अटूट स्नेह की भी चर्चा कर रहे हैं। दरअसल, 70 वर्षीय कल्याण सिंह धाकड़ की पत्नी भागवती बाई लम्बे समय से बीमार थीं। शुक्रवार सुबह उनके परिजन भागवती बाई के बारे में चिंता जाहिर करते हुए यह मान बैठे थे कि अब उनका जीवन ज्यादा नहीं बचा है। यह सुनकर कल्याण सिंह मूर्छित होकर गिर पड़े।
उन्हें तुरंत जिला अस्पताल लाया गया, जहां दोपहर लगभग 1 बजे कल्याण सिंह का निधन हो गया। कल्याण सिंह को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे परिजनों के पास उसी वक़्त ग्राम धनोरिया से फोन आया कि भागवती बाई ने बीमारी की अवस्था में अपने प्राण त्याग दिए हैं। इसके बाद बुजुर्ग दम्पत्ति का एक साथ एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। एक तरफ लोगों की आंखें नम थीं तो दूसरी ओर हर किसी ख्याहिश थी कि मौत आए तो ऐसी आए। वरना रोज आना और रोज चले जाना तो दुनियाभर में लगा हुआ है।