शराब घोटाला मामले में IAS अधिकारी निरंजन दास गिरफ्तार, 18 करोड़ रुपए हिस्सा लेने के आरोप
Tuesday, Dec 23, 2025-05:02 PM (IST)
रायपुर (पुष्पेंद्र सिंह) : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में आईएएस अधिकारी निरंजन दास को गिरफ्तार कर लिया। दास को रायपुर स्थित धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत विशेष न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें ईडी की तीन दिन की हिरासत में भेज दिया गया। ईडी ने छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित एसीबी/ईओडब्ल्यू द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की थी। पुलिस जांच में पता चला कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और 2,500 करोड़ रुपये से अधिक की आपराधिक आय अर्जित की गई, जिससे अनुसूचित अपराधों के माध्यम से लाभार्थियों को लाभ हुआ।
ईडी की जांच में पता चला कि दास को अपराध से प्राप्त लगभग 18 करोड़ रुपये की रकम मिली थी। इसके अलावा, डिजिटल डेटा, जब्त दस्तावेजों और दर्ज बयानों से मिले सबूतों से यह साबित होता है कि वह शराब गिरोह का सक्रिय सहयोगी था। जांच में यह भी साबित हुआ कि आईएएस अधिकारी को शराब घोटाले को अंजाम देने में मदद करने के लिए ही आबकारी आयुक्त और आबकारी विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।
जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि दास ने अपने वैधानिक कर्तव्यों की उपेक्षा की, सरकारी राजस्व के गबन में सहयोग दिया और गिरोह को 50 लाख रुपये के मासिक भुगतान के बदले बेरोकटोक काम करने दिया। उन पर आरोप है कि उन्होंने फील्ड अधिकारियों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में बेहिसाब और अवैध शराब की बिक्री बढ़ाने का निर्देश दिया था। अपराध को अंजाम देने, अपराध की आय को बाद में मनी लॉन्ड्रिंग करने और राज्य संसाधनों के बड़े पैमाने पर नुकसान में उनकी भूमिका केंद्रीय थी।
इससे पहले ईडी ने शराब घोटाला मामले में अनिल टुटेजा (पूर्व आईएएस), अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी (आईटीएस), कवासी लखमा (विधायक एवं छत्तीसगढ़ के तत्कालीन आबकारी मंत्री), चैतन्य बघेल (पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र) और सौम्य चौरसिया सहित कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। मामले में आगे की जांच जारी है।

