रेमडेसिवीर की कालााबाजारी को लेकर सख्त हुए आईजी, तो़ड़े जाएंगे आरोपियों के अवैध निर्माण

5/11/2021 12:35:32 AM

इंदौर(सचिन बहरानी): वैसे तो कोरोना से लड़ते हुए 1 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक होती दिखाई दे रही है। ऐसे में रेमडेसिवीर की कालाबाजारी का खेल भी जोरों पर है। दरअसल इंदौर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन से मौत भी हुई है और जिसकी कालाबाजारी करने में के हॉस्पिटल स्टॉफ को पिछले दिनों पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था जिन पर एनएसए की कार्यवाही भी की गई है।

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ऐसा ही एक मामला इंदौर में एक दंपत्ति कि मौत का सामने आया है पर इसकी पुष्टि कोई भी नहीं कर रहा है। दरअसल यह नकली इंजेक्शन से कोरोना संक्रमित की मौत का पहला मामला है। अभी तक देखे तो इंदौर के विजय नगर क्षेत्र में पकड़े गए 11 आरोपियों में से 6 पर रासुका की कार्रवाई की गई है। इंदौर शहर में कोरोना आपदा को अवसर की तलाश में लेते हुए कुछ बदमाशों द्वारा कोरोना इलाज में जीवन रक्षक दवाइयों सहित ऑक्सीजन व अन्य उपकरणों की खुलकर कालाबाजारी करते हुए पाया गया था जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे करते हुए रासुका की कार्रवाई भी की थी।

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पुलिस द्वारा अभी तक कुल 21 आरोपियों पर रासुका की कार्रवाई की गई है। पूरे मामले पर इंदौर संभाग के आईजी हरिनारायण चारी मिश्रा का कहना है कि कोरोना महामारी के दौर में इस तरह से जीवन रक्षक दवाइयों की कालाबाजारी करना अक्षम्य अपराध है और ऐसे बदमाशों पर पुलिस द्वारा चयनित करते हुए सबसे पहले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। जो कि गुजरात के मोरवी से 1200 नकली इंजेक्शन लेकर प्रदेश में पहुंचे थे जांच में बात सामने आई है कि 1200 इंजेक्शन में से उनके द्वारा 500 नकली इंजेक्शन जबलपुर में खपाने की बात सामने आई है। तो वहीं अन्य बचे एक जैसे इंदौर सहित अन्य आसपास के जिलों में भी खपाया पाया गया है। पकड़ाई 21 आरोपियों की अवैध संपत्तियों की भी जांच की जा रही है जो भी अवैध संपत्ति होगी उसे निस्तनाबूत किया जाएगा। वहीं यदि कोई हॉस्पिटल संचालक इन नकली जैसों को जानकर भी उपयोग करता हुआ पाया गया।

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तो उस हॉस्पिटल संचालक पर भी कार्रवाई की जाएगी इधर आईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नकली रेमडेसिविर बेचने वालों की कॉल डिटेल निकाली जाए। यदि उसमें से कोई भी पीड़ित यह शिकायत करता है, नकली इंजेक्शन से मौत हुई है तो आरोपी पर 304 ए गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया जाए। साथ ही आईजी ने स्पष्ट कर दिया कि नकली इंजेक्शन बेचने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उनकी संपत्ति का ब्योरा भी निकाला जाए। आरोपियों के घरों को जमींदोज भी किया जाएगा।

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वहीं, जिला प्रशासन द्वारा लगातार पकड़े गए आरोपियों पर रासुका की कार्रवाई की जा रही है।उसी के साथ रेमडीशिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालो की संपत्ति की भी जांच की जा रही है जिसपर अवैध अतिक्रमण की कार्यवाही की जाएगी हालांकि कालाबाजारी करने वाले गिरोह की पूरी चेन को तोड़ने के लिए पुलिस अन्य आरोपी तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। यह आरोपी सोशयल मीडिया पर सामाजिक संगठनों के नाम से जरूरतमंद लोगों को झांसे में लेकर इस तरह की कालाबाजारी को अंजाम दिया करते थे कालाबाजारी की कड़ी तोड़ने के लिए संभाग स्तर पर एसआईटी विभाग गठित किया गया है जिसमें एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारियों को शामिल किया गया है ताकि इस कालाबाजारी को रोका जा सके।


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Content Writer

meena

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