दूल्हे की जगह दुल्हन घोड़ी पर बारात लेकर पहुंची, नज़ारा देख दंग रह गए लोग!

Wednesday, Nov 26, 2025-03:33 PM (IST)

उज्जैन। (विशाल ठाकुर): भारतीय विवाह परंपराओं में अक्सर दूल्हे को घोड़ी पर सवार होकर बारात निकालते देखा जाता है, लेकिन बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में मंगलवार को ऐसा दृश्य सामने आया जिसने सभी को अचंभित कर दिया। यहाँ एक निजी होटल में आयोजित विवाह समारोह में राजस्थानी श्रीमाली ब्राह्मण समाज की विशेष रस्म ‘दुल्हन की बंदोली’ पूरे वैभव और उल्लास के साथ निभाई गई—और दुल्हन शाही अंदाज़ में घोड़ी पर सवार होकर स्वयं दूल्हे के घर पहुंची।

ढोल-नगाड़ों की गूंज और परिजनों के उत्साह के बीच जब दुल्हन की सवारी दूल्हे के निवास की ओर बढ़ी, तो माहौल किसी प्राचीन स्वयंवर की भांति प्रतीत हो रहा था। राजस्थान और बड़ौदा से आए रिश्तेदारों ने बताया कि यह रस्म सिर्फ परंपरा ही नहीं, बल्कि Gender Equality का मजबूत संदेश है—समाज में बेटा और बेटी दोनों समान हैं, और उत्सव का हक दोनों को बराबर है।

दुल्हन की ‘बंदोली’ जैसे ही दूल्हे के द्वार पहुंची, दूल्हे की मां और परिवार की महिलाओं ने मंगलगीतों के साथ दुल्हन की आरती उतारी और पारंपरिक स्वागत किया। रस्म के अनुसार, स्वागत के बाद दूल्हा पक्ष दुल्हन को “शादी का जोड़ा” भेंट करता है, जिसे धारण कर वह विवाह वेदी पर बैठती है।

PunjabKesariगौरी पूजन के बाद निभाई जाने वाली यह अनूठी परंपरा न सिर्फ सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण करती है, बल्कि समाज को संदेश देती है कि—
“जहाँ परंपरा है, वहीं आधुनिक समानता भी है।”

विवाह की एक और विशेष परंपरा ने सभी का मन मोह लिया—फेरों की शुरुआत में दूल्हा दुल्हन को अपनी गोद में उठाकर पहले चार फेरे करवाता है। यह दृश्य विवाह समारोह का सबसे भावुक और आकर्षक पल बन गया।

उज्जैन में आयोजित यह विवाह समारोह प्राचीन संस्कृति और आधुनिक सोच का ऐसा संगम बनकर सामने आया, जिसने हर मौजूद व्यक्ति को एक नई सामाजिक दिशा का संदेश दिया।


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Content Editor

Himansh sharma

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