खेल विभाग में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले की जांच शुरु, कई बड़े चेहरे होंगे बेनकाब

8/20/2019 3:26:54 PM

भोपाल: आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने खेल विभाग में हुए करोड़ों रुपए के घपले की जांच शुरु कर दी है। मध्य प्रदेश खेल विभाग के तत्कालीन यूथ वेलफेयर ऑफिसर बीएस यादव के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। इंदौर के इमरान शाह की शिकायत पर (ईओडब्ल्यू) ने यादव के खिलाफ जांच शुरु की गई है। अगर निष्पक्ष जांच हुई तो खेल विभाग का बड़ा घोटाला उजागर होगा और कई बड़े चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।

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इमरान शाह ने अपनी शिकायत में लिखा है कि विभाग की 14 खेल अकादमियों में ऐसी कंपनियों और संस्थाओं से खरीद फरोख्गत की गई है जो आज तक अस्तित्व में नहीं है। इन्हें बाजार मूल्य से 20 से 30 गुना भुगतान किया गया है। खेल मैदान के लिए जो फ्लड लाईटें खरीदी गईं है वह कंपनी अस्तित्व में नहीं है। कम्प्यूटर खरीदी में भी 40 लाख का घोटाला हुआ है। सितंबर 2007 में हुई जूनियर हॉकी प्रतियोगिता मे लाखों के फर्जी बिल बनाए गए। वहीं खिलाड़ियों के लिए जो सिंगल बेड खरीदे गए उनकी कीमत 94997 रुपए प्रति पलंग का भुगतान किया गया है। पलंग खरीदी के लिए निविदांए भी जारी नहीं की गई। इसी प्रकार 8000 हजार रुपए कीमत की लकड़ी की अलमारी, 61503 रुपए में प्रति अलमारी के हिसाब से क्रय की गई। इसके साथ ही 40 घोड़े 35 से 50 लाख रुपए कीमत पर प्रति घोड़ा खरीद फरो्ख्त किया गया। इसके स्थान पर स्पलायर ने 15 से 20 हजार रुपए कीमत के खच्चर विभाग को टिका दिए।

खेल विभाग से मूल नस्तियां गायब
खेल संचालनालय का कहना है कि उन्होंने सभी नस्तियों के प्रति पेज पर हस्ताक्षर कराकर यह नस्तियां मंत्रालय स्थित खेल विभाग के उप सचिव को सौंपी थी। लेकिन घोटालेबाजों ने मंत्रालय से नस्तियां ही गायब कर दी है। संचालनालय के पास हस्ताक्षर सहित नस्तियों की छायाप्रति उपलब्ध है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार यदि ईओडब्ल्यू  छायाप्रतियों के आधार पर जांच करेगी तो कई लोग जेल में होंगे।


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Vikas kumar

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