मक्का के दाम से सदमे में किसान! जयवर्धन सिंह ने CM से की 2400 के भाव की मांग

Thursday, Oct 30, 2025-08:57 PM (IST)

गुना (मिस्बाह नूर) : मध्यप्रदेश में सबसे अधिक बारिश का दंश झेलने के बाद अब गुना और अशोकनगर के किसान मक्का की फसल के सही भाव न मिलने से त्रस्त हैं। गुरुवार को सुबह से ही गुना में हुई बारिश ने किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी। नानाखेड़ी मंडी में कई किसान अपनी उपज लेकर पहुंचे, लेकिन बेहद कम भाव मिलने के कारण कई ने नीलामी के बावजूद मक्का बेचने से इंकार कर दिया।

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राघौगढ़ विधायक और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि गुना और अशोकनगर जिलों में मक्का की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य 2400 रुपए प्रति क्विंटल पर की जाए और किसानों के लिए पंजीयन पोर्टल तत्काल खोला जाए।

जयवर्धन सिंह ने कहा कि वर्तमान में मंडियों में मक्का की खरीदी सिर्फ 1000 से 1700 रुपए प्रति क्विंटल के बीच हो रही है, जो किसानों के साथ अन्याय है। उन्होंने लिखा कि केंद्र सरकार द्वारा विपणन वर्ष 2025-26 के लिए मक्का का समर्थन मूल्य 2400 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है, लेकिन आदेश लागू नहीं होने से किसान मजबूरी में औने-पौने दाम पर अपनी उपज बेच रहे हैं।

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इधर, गुना की नानाखेड़ी मंडी में किसानों ने बताया कि इस बार मक्का का भाव बीते साल के मुकाबले लगभग आधा रह गया है। जहां पिछले वर्ष 2300 रुपए प्रति क्विंटल तक बोली लगती थी, वहीं इस बार 1200 से 1700 रुपए के बीच ही दाम मिल रहे हैं।

बारिश से मंडी परिसर में अव्यवस्था भी बढ़ी है। ट्रैक्टर-ट्रॉली के लिए टीनशेड कम पड़ गए, पॉलीथिन महंगे दामों पर बिकने लगी, और किसान अपनी उपज को भीगने से बचाने में जुटे रहे। पिपरिया राय गांव के किसान गोलू राजपूत ने बताया कि वह तीन दिन से नीलामी का इंतजार कर रहे थे, लेकिन व्यापारी ने मात्र 1200 रुपए प्रति क्विंटल बोली लगाई, जिस पर उन्होंने बेचने से इंकार कर दिया।

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इसी तरह शाढ़ौरा के किसान गजेंद्र ने भी 1350 रुपए प्रति क्विंटल का भाव मिलने पर अपनी पर्ची कैंसिल करा दी। किसानों का कहना है कि उन्होंने 1700 रुपए में चार किलो बीज का पैकेट खरीदा, जिससे मुश्किल से एक क्विंटल उपज होती है। ऐसे में इतनी कम कीमत पर मक्का बेचने से उन्हें घाटा ही उठाना पड़ेगा।

कुल मिलाकर, एक ओर जहां मक्का के भाव गिर गए हैं और समर्थन मूल्य लागू नहीं हुआ है, वहीं बारिश और अव्यवस्था ने किसानों की मुसीबतें और बढ़ा दी हैं। किसान अब सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि शीघ्र ही समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू कर उन्हें राहत दी जाएगी।


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meena

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