कमलनाथ का शिवराज सरकार पर तंज, बोले- जनता को संकट में छोड़ उपचुनाव की तैयारियों में जुटे शिवराज
5/31/2020 6:18:08 PM
भोपाल(इजहार हसन खान): लॉडडाउन 4.0 का आज आखिरी दिन है लेकिन मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के मामले आज भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसे लेकर मध्य प्रदेस के पूर्व सीएम कमलनाथ ने चिंता व्यक्त की है और शिवराज सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि लॉकडाउन के 67 दिन बीत जाने के बाद भी आज भी प्रदेश की स्थिति कोरोना के मामले में भयावह बनी हुई है। उन्होंने इंदौर, भोपाल और उज्जैन जिले का उदाहरण देते हुए सरकार का ध्यान कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की तरफ दिलाया है। कमलनाथ ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार कोरोना संकट में प्रदेश की जनता को उनके हाल पर छोड़ कर खुद विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है।
सरकार के पास साधनों का अभाव
सीएम कमलनाथ ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि टेस्टिंग किट से लेकर पीपीई किट, मास्क व सुरक्षा के संसाधनों का अभाव अभी भी बना हुआ है जिससे आज भी प्रतिदिन कोरोना वारियर्स संक्रमित हो रहे हैं, उनकी मौत हो रही है। मरीजों को अस्पताल में इलाज नहीं मिल रहा है, स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। निजी अस्पतालों में भारी भरकम बिल लोगों से वसूले जा रहे हैं, सरकार का कोई नियंत्रण इन पर नहीं है। आम जनता से कोरोना के प्रोटोकॉल,गाइडलाइन व नियमों के पालन की अपील की जा रही है। वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार खुद प्रतिदिन कोरोना के प्रोटोकॉल व गाइडलाइन का खुलेआम मजाक उड़ा रहे हैं। सत्ताधारी दल के कार्यालय में इस महामारी में भी प्रतिबंधित होने के बावजूद जमकर राजनैतिक कार्यक्रम हो रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर तमाम गाइडलाइन का जमकर मजाक उड़ाया जा रहा है। सत्ता का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है।
प्रवासी मजदूरों को किया अनदेखा
भले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही दावा किया गया था कि कोरोना से निपटना हमारी पहली प्राथमिकता है, मंत्रिमंडल के गठन पर भी यही बात दोहरायी गई लेकिन इन 67 दिनों में प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर किसी भी मंत्री ने हॉटस्पॉट शहरों के एक भी प्रभावित इलाक़ों की कोई सुध नहीं ली। प्रवासी मजदूरों की हुई अनदेखी कमलनाथ ने शिवराज सरकार को घेरते हुए कहा कि अन्य राज्यों से आ रहे प्रवासी मजदूरों की भी कोई सुध नहीं ली गई। ना उनके लिये कोई साधन की व्यवस्था की गई , ना खाने-पीने की ना उनके आश्रय की। जिसके कारण कई मजदूरों ने भूख -प्यास से व कईयो ने दुर्घटनाओं में प्रदेश में दम तोड़ा। इन 67 दिनों में इन मजदूरों की सुध लेने प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर उनका कोई भी मंत्री नहीं पहुंचा।
शराब की दुकानें खोलने की जल्दी में सरकार
एक तरफ़ प्रदेश के कई जिलों में आज भी दूध ,दवाई से लेकर फल ,सब्जी की आपूर्ति आमजन को नहीं हो पा रही है,सभी धार्मिक स्थल बंद पड़े है लेकिन दूसरी तरफ़ सरकार ने प्रदेश में शराब की दुकानें ज़रूर खुलवा दी है। सरकार के अभी तक के सारे दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं , जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्य योजना कोरोना से नियंत्रण को लेकर अभी तक नहीं बन पाई है।
बिजली के बिलों का जनता पर एक्सट्रा बोझ
लॉकडाउन 4.0 की समाप्ति पर भले कई क्षेत्रों को, कई आर्थिक गतिविधियों को खोलने का निर्णय लिया जा रहा है लेकिन इसके बाद कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिये सरकार की क्या तैयारियां है , क्या उपाय है, यह अभी भी किसी को पता नहीं है। बिजली के बिलों से परेशान जनता आज भी आमजन बिजली के बिल व पानी के बिल को इस लॉकडाउन की अवधि में माफ करने की मांग कर रहा है, उद्योग बिजली के फिक्स चार्ज व अन्य चार्ज को माफ करने की मांग कर रहे हैं , पालक स्कूल फीस माफ़ करने की मांग कर रहे हैं , मजदूर व गरीब वर्ग राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं , किसान रियायतों की मांग कर रहा है लेकिन सरकार का रवैया इन सब मामलों में उदासीन बना हुआ है।
कोरोना से निपटने की बजाय उपचुनाव में ज्यादा रुचि
इस समय पूरी सरकार जनता को अपने हाल पर छोड़, आगामी आने वाले उपचुनावो को जीतने की रणनीति बनाने में लगी हुई है , सारे फैसले व निर्णय उसी हिसाब से लिए जा रहे हैं। कोरोना प्रभावित इलाकों में राहत के काम करने की बजाय व इनकी सुध लेने की बजाय, उपचुनाव वाले क्षेत्रों में चुनाव जीतने पर पूरा फ़ोकस किया जा रहा है। कोरोना के संक्रमण को रोकने को लेकर अब और सावधानी बरतने की आवश्यकता है, इसको लेकर ठोस कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है। सरकार को प्राथमिकता से अब इस दिशा में ध्यान देना चाहिये।
आपको बता दे कि मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितो का आंकड़ा बढ़कर 8000 के करीब पहुंच चुका है व मौतों का आंकड़ा 350 के करीब पहुंच चुका है। मध्यप्रदेश कोरोना संक्रमण को लेकर देश में चौथे स्थान पर पहुंच चुका है व मौतों के आंकड़े को लेकर देश में तीसरे स्थान पर पहुंच चुका है।आज प्रदेश के 51 जिले कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके है और अब संक्रमण शहरों से गांव की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। प्रदेश का सबसे ज्यादा संक्रमित जिला इंदौर है और यहां कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 35 सौ के करीब पहुंच चुका हैऔर 132 लोगों की अभी तक मृत्यु हो चुकी है। दूसरे नंबर पर भोपाल और तीसरे नंबर पर उज्जैन जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है। कोरोना को लेकर वर्तमान सरकार द्वारा नित नए निर्णय लिए जा रहे हैं लेकिन स्थिति नियंत्रण से पूरी तरह से बाहर बनी हुई है।