सूर्यकुमार के 360 डिग्री के शॉट की तरह अब इंदौर पुलिस का होगा सुरक्षा घेरा, अपराध के खात्मे का पुलिस कमिश्नर का मेगा प्लान लॉन्च

12/1/2022 5:03:45 PM

मध्यप्रदेश डेस्क (विवेक तिवारी) : मध्यप्रदेश प्रदेश पुलिस अब और भी आधुनिक हो गई है। अब आसमान जमीन पर निगरानी के साथ-साथ आगे बढ़ते हुए एक ऐसा सिस्टम लेकर आई है जिसमें किसी भी थाने से बैठकर या किसी भी चौराहे से संवेदनशील स्थान की निगरानी की जा सकती है, बल्कि वहां पर मौजूद पुलिस स्टाफ और जनता की गतिविधि को देखा जा सकता है। साथ ही उन्हें थाने से ही निर्देशित भी किया जा सकता है, इसकी शुरुआत मध्यप्रदेश के इंदौर से की गई है। इस सुरक्षा तकनीक के जनक भारत में सुपर कॉप के नाम से मशहूर पुलिस कमिश्नर इंदौर हरीनारायणचारी मिश्रा, यह एक ऐसी आधुनिक तकनीक है।

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संभवत भारत में पहली बार उपयोग की जा रही है। सीसीटीवी से मॉनिटरिंग तो पहले भी होती आ रही थी लेकिन अब सीसीटीवी में न केवल आवाज रिकॉर्ड होगी बल्कि जहां पर सीसीटीवी लगाए जाएंगे। वहां पर डायरेक्शन भी दिया जा सकेगा। जिस तरह से क्रिकेट में सूर्यकुमार यादव 360 डिग्री में मैदान के चारों तरफ शॉट खेलते हैं। ठीक उसी तरह से यह जो कैमरे लगाए गए हैं उन्हें 360 डिग्री तक घुमाया जा सकता है। साथ ही पेन टिल्ट और जूम भी किया जा सकता है। इंदौर के हर थाने में आने वाले दिनों में आधुनिक तकनीक देखने को मिलेगी। अभी शहर के पंढरीनाथ पथ थाने से इसकी शुरुआत कर दी गई है। देश का यह पहला प्रोजेक्ट है जो इंदौर से लागू हो रहा है। खास बात यह है कि जनता के सहयोग से ही यह शुरुआत की गई है। बुधवार को पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा ने इसकी शुरुआत कर दी है।

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कितनी आधुनिक है ये तकनीक 

मध्यप्रदेश के इंदौर से शुरू की गई यह तकनीक बेहद आधुनिक है। अभी पंढरीनाथ थाने में इसकी शुरुआत की गई है और आने वाले दिनों में प्रत्येक थाने में यह तकनीक देखने को मिलेगी। यह जो कैमरे हैं बेहद ही आधुनिक हैं जिसमें ऑडियो भी रिकॉर्डिंग होती है। साथ ही टू वे कम्युनिकेशन भी किया जा सकता है। यानी कि हम किसी को डायरेक्शन दे सकते हैं, साथ ही दोनों तरफ की आवाज रिकॉर्ड भी होती है। यानी अगर बीच में कोई भी पुलिस अधिकारी इस कैमरे के दायरे में मौजूद है तो कहीं से भी इनको डायरेक्शन भी दिया जा सकता है। साथ ही मोबाइल से इसको ऑपरेट किया जा सकता है। यानी आप कहीं पर भी हो आप अपने थाने की निगरानी कर सकते हैं और थाने क्षेत्र की भी। इंदौर के पंढरीनाथ थाने के 11 संवेदनशील क्षेत्रों में 32 कैमरे फिलहाल लगाए गए हैं जिसमें कि बंबई बाजार पुलिस चौकी, फव्वारा चौक, कड़ावघाट पुलिस चौकी, ताज बिल्डिंग, जवाहर मार्ग, नया पीठा मस्जिद, नफीस दूध डेयरी, पिंजरा बाखल, बालवाड़ी, उदयपुरा आदि क्षेत्र शामिल हैं।

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सुरक्षा घेरा और भी होगा मजबूत

कमिश्नर इंदौर हरीनारायणचारी मिश्रा ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से यह तकनीक काफी मददगार साबित होगी। इससे पुलिस कर्मियों का भी सुपरविजन होगा साथ ही कानून व्यवस्था बिगड़ती है तो असामाजिक तत्व भी इन कैमरों  में कैद हो जाएंगे। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि आधुनिक तकनीक के माध्यम से अपराध नियंत्रण की दिशा में लगातार सहायता मिलती है। इंदौर में सीसीटीवी के माध्यम से कई अपराधों का खुलासा किया गया है। साथ ही लूट स्नैचिंग जैसे मामलों में लगातार कमी आ रही है। हम लगातार आधुनिक पुलसिंग की दिशा में आगे बढ़ते जा रहे हैं। यह पहली तकनीक है जो हमने इंदौर में लागू की है। आने वाले दिनों में हर थाने में यह तकनीक नजर आएगी यानी कि इंदौर हर तरफ से कैमरों की जद में होगा जिससे कि अपराध नियंत्रण की दिशा में बहुत ही मदद मिलेगी। कार्यक्रम  में एडिशनल डीसीपी प्रशांत चौबे और थाना प्रभारी सतीश पटेल भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि पीपीपी मॉडल के तहत इन कैमरों को लगाया जा रहा है और सभी थाना क्षेत्रों में इस को आगे बढ़ाया जाएगा।

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भारत में नवाचार के लिए है हरी नारायणचारी मिश्रा की  पहचान

इंदौर कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा की पहचान भारत में नवाचार के लिए है। पुलिसिंग में नई तकनीक के माध्यम से अपराध नियंत्रण की दिशा में काम करते आए हैं। चाहे उनकी पदस्थापना नक्सल क्षेत्र बालाघाट में रही हो या फिर खंडवा, ग्वालियर या फिर जबलपुर में जहां भी पदस्थ रहे अपनी दूरगामी सोच के जरिए पुलसिंग में नए प्रयोग करते हैं। जबलपुर में आत्महत्या के बढ़ते मामलों को देखते हुए उन्होंने संजीवनी हेल्पलाइन की शुरुआत की थी जिसमें स्वयं आत्महत्या के लिए प्रेरित हो रहे बच्चों से बातचीत करते थे और जीने की नई राह सिखाते थे। बालाघाट में रहते हुए उन्होंने कई नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ लिया  था। वही बात अगर ग्वालियर की करें तो यहां पर गुंडों की शामत आ गई थी। लिस्टेड गुंडों के घरों को गिरा कर अपराधियों के मंसूबों को ध्वस्त कर दिया था। यह कारवां इंदौर में भी नहीं थमा जब उन्होंने अपराध नियंत्रण की दिशा में यही कार्य किया। उनकी इस तकनीक को उत्तर प्रदेश में भी बाद में अपनाया जाहिर सी बात है। ऐसे प्रयोग से न केवल अपराध नियंत्रण होता है बल्कि नवाचार से पुलसिंग की एक नई सोच भी विकसित होती है जिसको लेकर पुलिस कमिश्नर इंदौर आगे बढ़ रहे हैं।

 


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Content Writer

meena

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