MP में लॉकडाउन जारी रहेगा और नए स्वरूप में इसे आगे बढ़ाया जाएगा: शिवराज

4/12/2020 5:11:29 PM

भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लॉकडाउन जारी रहेगा, लेकिन नए स्वरूप में इसे आगे बढ़ाया जाएगा। किसानों को इसमें छूट दी जाएगी। नया स्वरूप क्या होगा इसकी जानकारी जल्द ही दे दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी लॉकडाउन हटाना अच्छा नहीं है। प्रदेश की जनता इससे प्रभावित है। जनता की जिंदगी की कीमत पर समझौता नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री ने ये बात रविवार दोपहर वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए पूरे प्रदेश के पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा इंदौर में लोगों की मौत का आंकड़ा इसलिए बढ़ा की अधिकतर लोग ऐसी स्थिति में आए जब उनकी बीमारी बढ़ गई। कोरोना खतरनाक नहीं है, समय रहते लोग इलाज कराएं तो ये ठीक हो सकता है। अगर ये फेफड़ों में पहुंच जाए तो व्यक्ति का बचना मुश्किल हो जाता है। इंदौर में यही हुआ, जब तक लोग अस्पताल पहुंचे संक्रमण उनके फेफड़ों तक पहुंच गया था। इसी वजह से लोगों की असमय मौत हो गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से ग्रस्त लोगों के बेहतर उपचार के लिए चार-स्तरीय योजना बनाई गई है। भोपाल एवं इंदौर को अलग-अलग कई जोन में बांटा गया है। प्रदेश को कोरोना से मुक्त करने के लिये जिला-स्तरों पर राज्य-स्तरीय क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप बनाए गए हैं। डेटा के आधार पर कोरोना प्रभावित हॉट-स्पॉट को चिन्हित कर उन्हें कंटेनमेंट एरिया में तब्दील कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हाई रिस्क क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन में तब्दील किया जा रहा है। आवश्कयता अनुसार संदिग्ध मरीजों को तत्काल प्रभाव से उसी क्षेत्र में क्वारेंटाइन और आइसोलेट किया जा रहा है। होम क्वारेंटाइन किए गए लोगों को घरों से सीधे संवाद करने के लिये सभी जिलों में टेली-मेडिसीन केन्द्र बनाए गए हैं। सीएम ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 वायरस की टेस्टिंग के समुचित प्रबंध कर लिए गए हैं। इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा और सागर के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के साथ ही 8 निजी चिकित्सा महाविद्यालयों और निजी क्षेत्र के 107 अस्पतालों को मरीजों के उपचार के लिए चिन्हित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के समय बिना भीड़भाड़ के, पूरी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ फसल के उपार्जन के लिए जिलों में अधिक से अधिक उपार्जन केन्द्र बनाए जाएं। किसानों को स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया जाए कि एसएमएस मिलने पर ही किसान अपनी फसल बेचने उपार्जन केन्द्र पर आएं।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

Jagdev Singh

Recommended News

Related News