1 घंटे में 14 किलो ड्राई फ्रूट्स खा गए MP के अफसर! ऑयल पेंट के बाद एक और घोटाला आया सामने
Thursday, Jul 10, 2025-04:45 PM (IST)

शहडोल (कैलाश लालवानी) : MP अजब है और यहां के अफसर उससे भी गजब है। ऑयल पेंट घोटाले के बाद मध्यप्रदेश के आला अफसर मैदानी पोस्टिंग पाकर जनता के पैसों से जमकर ड्राई फ्रूट्स खा रहे हैं, ऐसा हम नहीं बल्कि उनके खाने का सरकारी भुगतान गवाह है। अफसर भी ड्राई फ्रूट्स कुछ ऐसा खा गए जिसे सुन सब हैरान है।
दरअसल छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे शहडोल के गोहपारू ब्लॉक अंतर्गत भदवाही ग्राम पंचायत में जिला स्तरीय जल गंगा संवर्धन अभियान का कार्यक्रम रखा गया। इस आयोजन में कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, एसडीएम, जनपद सीईओ समेत अन्य आला अफसर एक घंटे के लिए शामिल हुए। इन अफसरों ने एक घंटे के कार्यक्रम में 14 किलो ड्राई फ्रूट्स हजम कर दिया। इसके अलावा 6 लीटर दूध में 5 किलो शक्कर मिलाकर उसकी चाय भी पी गए। कार्यक्रम का आयोजन ग्राम पंचायत भदवाही की तरफ से किया गया था, इस कारण मेजबानी कर रही ग्राम पंचायत में अफसरों को खिलाए 13 किलो ड्राई फ्रूट्स का बिल भुगतान भी करवा किया।
जिले की गोहपारू जनपद की ग्राम पंचायत भदवाही में बीते माह जल चौपाल का आयोजन हुआ। इस चौपाल में सीईओ जिला पंचायत नरेन्द्र सिंह, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जयसिंहनगर प्रगति वर्मा, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मुद्रिका सिंह, सीईओ जनपद पंचायत गोहपारू वेदमणि मिश्रा, सहायक यंत्री प्रशांत लगरखा, उपयंत्री, ग्राम पंचायत के सरपंच,पंच, सचिव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
क्या हुआ भदवाही के आयोजन में
भदवाही ग्राम पंचायत में झूंझा नाला है जो मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा का निर्धारण करता है। इसी नाले में 25 मई 2025 को जिला स्तरीय बोरी बंधान कार्यक्रम का आयोजन रखा गया। कलेक्टर समेत अन्य अधिकारियों ने बोरी में रेत भरकर नाले में पानी को रोकने का कार्य किया। इस दौरान कलेक्टर समेत अन्य अधिकारी लगभग एक घंटे भदवाही में रहे। पंचायत द्वारा मेजबानी करते हुए टेंट, भोजन और नाश्ते की व्यवस्था की गई थी।
13 किलो ड्राई फ्रूट्स का हो गया भुगतान
अफसरों के स्वागत सरकार के लिए ग्राम पंचायत ने कोई कसर नहीं छोड़ी। 5 किलो काजू, 6 किलो बादाम और 3 किलो किसमिस अफसरों को खिलाने के नाम पर 19010 रुपए का भुगतान करवा लिया। इतना ही नहीं अफसरों को चाय पिलाने के लिए 6 लीटर दूध और उसमें मिलाने के लिए 5 किलो शक्कर भी खरीद लिया। अब यह बिल सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है जिससे जिला प्रशासन के आला अधिकारियों की जमकर किरकिरी हो रही हैं। उसी बिल में 30 किलो नमकीन, 20 पैकेट बिस्कुट, 5 किलो शक्कर और 6 किलो दूध पर 19 हजार 10 रूपये व्यय किये गये।
किराना से चाय दुकान में सस्ता मिला काजू
शहडोल में सरकारी पैसों की होली यहीं आ आकर नहीं बुझी। 25 मई 2025 को ग्राम पंचायत द्वारा एक और बिल लगाया गया जिसमें काजू के दाम में भारी गिरावट देखी गई। दरअसल जिस बिल में गोविंद गुप्ता किराना स्टोर ग्राम भरी से 5 किलो काजू लाया गया उसमें काजू की कीमत प्रति किलो 1000 रुपए दर्शाया गया और इसी तारीख को सुरेश तिवारी टी स्टॉल चुहिरी से एक किलो काजू मात्र 600 रुपए में खरीद लिया गया। कुल मिलाकर अफसरों ने एक दिन में 6 किलो काजू खाकर एक अनोखा रिकॉर्ड बना दिया है। इसके अलावा 10 रुपए वाले 50 रसगुल्ले भी अफसरों के लिए खरीदे गए जिसे 500 की जगह बिल में 1000 रुपए जोड़कर दाम बढ़ाया गया है।
गांव वालों को ड्राईफ्रूट की जगह मिला खिचड़ा
गोहपारू जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत भदवाही में जल चौपाल का आयोजन किया गया, इसमें अधिकारी पहुंचे भी थे, लेकिन जनपद से जुड़े जानकारों की माने तो जल चौपाल में खिचड़ा, पूड़ी सहित सब्जी बनी थी, लेकिन काजू-बादाम सहित अन्य सामग्री नजर नहीं आई, ग्राम पंचायत में चर्चा है कि अधिकारियों के आने पर उनके वाहनों में यह सामान रखवाया गया होगा, इसलिए ईमानदार सचिव ने इतनी मात्रा में किराना सामान खरीदा होगा।
पूरी सब्जी भी खरीदी और उसे बनाने वाला किराना भी
फर्जी बिलों का सफर सिर्फ ड्राईफ्रूट और चाय में आकर नहीं थमा, बल्कि पंचायती राज चलाने वालों ने अफसरों और ग्रामीणों को खिलाने के लिए पूरी और सब्जी की भी व्यवस्था की थी। पंचायत सरपंच और सचिव ने मिलकर इसमें भी जाकर भ्रष्टाचार किया। सुरेश तिवारी टी स्टॉल चुहीरी और नारायण टी स्टॉल चुहीरी से पूरी सब्जी के पैकेट खरीदे गए और गोविंद किराना स्टोर से उसे बनाने वाला सामान भी खरीद लिया।
अधिकारियों के गले की फांस बनी पंचायत की राशि
ग्राम पंचायत भदवाही में जल चौपाल के दौरान खिचड़ा बना था, यह जनपद के ही जल चौपाल में शामिल जिम्मेदारों द्वारा बताया गया, लेकिन पंचायत सचिव द्वारा जल चौपाल के नाम पर लगाये गये काजू-बादाम और घी के नाम पर निकाली गई राशि अब प्रशासन के गले की फांस बन चुकी है, पंचायत को जिले के अधिकारियों की सेवा के लिए यह राशि खर्च करने की अनुमति किन नियमों के तहत दी गई, यह चर्चाओं में है और अन्य पंचायतों से जल चौपाल के नाम पर अगर अधिकारियों ने इसी हिसाब से किराना सामान खरीदी करवाई है तो, इससे साफ जाहिर होता है कि जल संरचनाओं की सफाई हो न हो, पंचायत के खजाने की सफाई जमकर चल रही है।
क्या है जल संवर्धन अभियान
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के आहवान पर जिले में भी गांव-गांव में जल गंगा संवर्धन अभियान समाज एवं सरकार के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। अभियान के माध्यम से जहां पुरानी जल संरचनाओं कुआं, तालाब, बावडिय़ों, जल स्त्रोतों, गांव में बहने वाली नदियों एवं नालों की साफ-सफाई का कार्य किया गया है। हाल ही सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अभियान से जुड़ी प्रगति की भी जानकारी दी थी।